ओपिनियन पोस्ट ब्यूरो
पंजाब में दो साल में डेरा प्रेमी और आरएसएस नेता समेत सात हिंदू नेताओं की हत्या हो चुकी है। हत्या करने का तरीका एक जैसा है। हत्यारे भी एक जैसे ही हैं। फिर भी वे पंजाब पुलिस की पहुंच से दो साल तक बाहर रहने में कामयाब हो जाते हैं। सात बार हत्यारे सरेआम हत्या करते हैं और नारे लगाते निकल जाते हैं। उनका टारगेट सिर्फ एक हिंदू संगठन है। पहले सीबीआई, फिर स्थानीय पुलिस की एसआईटी और अब एनआईए को हत्या के मामलों की जांच सौंपी गई है। इन जांच एजेंसियों ने वारदात स्थल के आस पास 1500 सीसीटीवी कैमरे खंगाले। हत्यारों की फुटेज के सिवाय कोई सुराग जांच टीम के पास नहीं है। सात नवंबर से पहले तक पुलिस का एक ही एक ही जवाब था- हत्यारों का सुराग नहीं लग रहा है। लेकिन सात नवंबर को अचानक शाम करीब चार बजे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह और डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने दावा किया कि हिंदू नेता ब्रिगेडियर गगनेजा की हत्या समेत पंजाब में हुई 7 टारगेट किलिंग के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ था। इंग्लैंड से आतंकियों ने गैंगस्टरों की मदद से शूटरों के जरिये इन हत्याओं को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि इन मामलों में चार लोगों को पकड़ा गया है। उनमें से एक नाभा जेल में बंद है। मेन शूटर को भी पकड़ लिया गया है। उससे पूछताछ चल रही है, पर अभी उसकी पहचान छुपाई गई है।
डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने बताया कि इंग्लैंड से आए जिम्मी जट्ट उसके साथी जगतार सिंह जौहल उर्फ जग्गी ने लुधियाना के गैंगस्टर गुगनी मेहरबान से मिल कर आईएसआई के इशारे पर सभी वारदात करवाई थीं। आईएसआई ने आर्थिक मदद भी दी। इंग्लैंड से जिम्मी जट्ट ने जम्मू के रास्ते हथियार मुहैया करवाए और नाभा जेल में बंद गैंगस्टर गुगनी मेहरबान ने शूटर उपलब्ध कराए। पहला मर्डर गगनेजा का हुआ। फिर लुधियाना में हिंदू नेता अमित शर्मा, खन्ना में दुर्गा दास गुप्ता, आरएसएस नेता रविंदर गोसार्इं, पास्टर सुल्तान मसीह और डेरा प्रेमी बाप-बेटे को मारा गया। हत्याओं में .32 बोर .9 एमएम पिस्टल का इस्तेमाल किया गया।
स्थानीय गैंगस्टर से मिल कर की हत्या
डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने बताया कि आतंक का यह ऐसा गिरोह था, जिसने बहुत चालाकी से काम किया। विदेश में बैठे आतंकियों ने फंड उपलब्ध कराया। स्थानीय गैंगस्टर से वारदात को अंजाम दिलाया गया। पिछले साल 6 अगस्त को जालंघर में आरएसएस के वरिष्ठ नेता रिटायर्ड ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा की सरेआम गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस की छानबीन में वारदात में तब पहली बार इंग्लैंड में बैठे एनआरआई कनेक्शन सामने आए। कुछ नाम पता चले, लेकिन तब दिक्कत यह थी कि उसे इंग्लैंड से लाया नहीं जा सकता था। पुलिस उनके भारत आने का इंतजार कर रही थी। इस बात से अनजान साजिश में शामिल रहे जिम्मी जट्ट पिछले एक नवंबर को इंग्लैंड से भारत लौटा तो उसे दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से काबू कर लिया गया। इसके बाद जगतार सिंह जग्गी निवासी इंग्लैंड को पकड़ा गया। वह अपनी शादी के लिए पंजाब आया हुआ था। इन दोनों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो नाभा जेल में बंद गैंगस्टर गुगनी मेहरबान का नाम सामने आया। पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया तो पता चला कि साजिश का हिस्सा जालंधर के कस्बा जंडियाला का रहने वाला एनआरआई जगतार सिंह जौहल भी है। वह इंग्लैंड का होटेलियर है। उसी ने इंग्लैंड में जम्मू के जिम्मी सिंह को चार हजार पौंड देकर हथियार खरीदने के लिए कहा था। यह खुलासा अब तक की पूछताछ में जौहल ने किया है। पूछताछ में पता चला है कि बाइक चलाने वाला लुधियाना के चूहड़वाला गांव का रहने वाला रमनदीप सिंह है। यह युवक कट्टरपंथी संगठनों से संबंध रखता है। जगतार से पूछताछ के बाद ही लुधियाना के चूहड़वाला गांव के रमनदीप सिंह को अरेस्ट किया गया। रमनदीप सिंह पेशे से टैक्सी ड्राइवर है।
आतंक का दूसरा चरण
क्या यह पंजाब में आतंकवाद का एक नया चरण है? बहुत ही सधे तरीके से पंजाब में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। कम से कम आतंक की समझ रखने वाले तो यही मान कर चल रहे हैं। पंजाब के पूर्व डीजीपी सर्बजीत सिंह विर्क (2007 तक पंजाब के डीजीपी रहे) ने बताया कि विदेश में बैठे रेडिकल सिख संगठन अब सिस्टम और प्लानिंग के साथ आतंकी वारदात को अंजाम दे रहे हैं। यह आतंकवादियों की बदली हुई रणनीति है। उनका कहना है कि रेडिकल सिख संगठन अब खुद आगे आने की बजाय हत्यारों की एक ऐसी टीम तैयार रहे हैं जो उनके एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार हो। पंजाब में पहले जहां आतंकी संगठन वारदात को अंजाम देकर इसकी जिम्मेदारी लेते थे, अब ऐसा नहीं है। अब लोकल शूटर से वारदात को अंजाम दिलवाया जाता है। इसलिए इनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है। रेडिकल सिख संगठन ने पहले चरण की नाकामी के बाद अब बहुत ही सधे तरीके से दूसरे चरण की शुरुआत की है। इसमें भी टारगेट वही हिंदू संगठन हैं। पहले जहां हिंदुओं की मास किलिंग होती थी, अब उन हिंदू चेहरों को निशाना बनाया जा रहा है, जो सॉफ्ट टारगेट बन सकते हैं।
एक ही तरीके से हत्याएं हुर्इं: डीजीपी
डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने बताया कि सभी हत्याओं को लेकर 1500 कैमरों के फुटेज खंगाले गए। एफएसएल विशेषज्ञों ने मौके से जो तथ्य जुटाए उससे प्राथमिक तौर पर यही लगता है कि इन वारदात में कहीं न कहीं समानता है। हत्यारे .32 बोर व .9 एमएम पिस्टल यूज करते हैं। उनका पगड़ी पहनने का तरीका एक जैसा है। टारगेट को पहले नजदीक बुलाते हैं, फिर नजदीक से गोली मारते हैं। वारदात के बाद हवा में हाथ हिलाते हुए जाते हैं। इससे लगता है कि वे नारे लगा रहे हैं। वारदात में चोरी की बाइक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कोशिश रहती है कि वह हाईस्पीड हो। सभी हत्यारों के शरीर की बनावट एक जैसी होती है। सीबीआई ने फोरेंसिक एक्सपर्ट से जो इनपुट जुटाया उससे लगता है कि शरीर की यह बनावट आर्टिफिशियल है। ऐसा इसलिए किया जाता जिससे वे शरीर से भी पहचाने न जाएं।
सॉफ्ट टारगेट, साजिश बड़ी
सभी वारदात ऐसे लोगों से संबंधित हैं जिन्हें आसानी से टारगेट किया जा सकता है। लुधियाना में डेरा सच्चा सौदा की मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य श्रवण सिंह (50) ने बताया कि जितनी भी हत्याएं हुर्इं, उनके पास कोई सिक्योरिटी नहीं थी। इस बात की पुष्टि लुधियाना के संघ प्रचारक रविंद्र गोसार्इं के बेटे अमित (32) ने भी की है। उन्होंने बताया कि उनके पिता जी को वारदात से पहले किसी तरह की धमकी नहीं दी गई। उन्हें किसी से खतरा नहीं था। इसलिए वे हत्यारों के लिए आसान शिकार थे। जालंधर में पिछले साल कमांडर ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) जगदीश गगनेजा की धर्मपत्नी सुदेश (68) ने बताया कि गगनेजा को किसी तरह की धमकी नहीं मिली थी। हम हैरान हैं कि हमारी तो किसी से दुश्मनी भी नहीं है। बस मेरे पिता आरएसएस के प्रचारक भर थे।
कैसे फंसते हैं सिख युवा इनके जाल में
पहले चरण में सोशल मीडिया पर सिख धर्म के खिलाफ टिप्पणी की जाती है। उसके बाद देखा जाता है कि पंजाब से इस टिप्पणी पर कौन कौन प्रतिक्रिया दे रहा है। इस प्रतिक्रिया का लेबल क्या है। गुस्सा है या बात समझाने की कोशिश की जा रही है। इससे ऐसे युवाओं की पहचान होती है जो कट्टर होते हैं और टिप्पणी देने वाले को देख लेने की धमकी देते हैं। लुधियाना में जो सात युवक पकडेÞ गए उन्हें बब्बर खालसा दल ने इसी तरह से अपने साथ मिलाया था। यह कहना है इस मामले की जांच कर रही टीम का।
पीड़ितों के परिजन बोले-पकड़े गए लोग क्या वास्तव में कातिल
6 अगस्त: पंजाब में आरएसएस के कमांडर ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा (रिटायर्ड) की हत्या कर दी गई। उनकी पत्नी सुदेश ने ओपिनियन पोस्ट को बताया कि सीबीआई केस की जांच कर रही है। तीन अधिकारी अभी तक बदले गए हैं। पिछले माह नया अधिकारी जांच करने आया। हर बार वही पूछताछ। उन्हें नहीं लगता कि परिवार को इंसाफ मिल जाएगा। अब जो पकड़े गए, क्या वही वास्तव में कातिल हैं? पता नहीं। पुलिस कह रही है तो मानना पड़ रहा है। जिस तरह से जांच चली, उससे वे कतई संतुष्ट नहीं हैं।
चाय की दुकान चलाने वाले मृतक अमित शर्मा के दोस्त अनुज (31) ने बताया कि अमित के परिवार वाले इस वारदात के बाद दूसरी जगह चले गए। उन्हें हर वक्त डर लगा रहता था। पुलिस के लिए तो यह आम हत्या का केस है, जबकि सभी जानते हैं अमित को किस वजह से और किसने मारा है? उन्हें मारने के पीछे सिख कट्टरपंथी हैं। लेकिन हम यहां यह बात खुल कर नहीं बोल सकते। क्या पता हत्यारे यहीं आस पास घूम रहे हों। हालांकि रविंद्र गोसार्इं के बेटे अमित ने बताया कि पुलिस उन्हें पूरा सहयोग कर रही है। उनकी मांग पर मामला जांच के लिए एनआईए को दे दिया गया है। शायद यह पहला हत्या का मामला है जो एनआईए को दिया गया है।
हमलों से गैर सिख चिंतित
पंजाब में क्या इन हमलों से गैर सिख डरे हुए हैं, इस सवाल का जवाब जब खोजने की कोशिश की गई तो खुल कर तो लोग कुछ बोले नहीं, फिर भी उन्होंने बहुत ही धीमे स्वर में कहा कि जी अब डर तो लगता है। लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं। यहां जमा जमाया काम है, इसे कैसे छोड़ कर जा सकते हैं। जाएंगे भी कहां? यह बड़ा सवाल है। लुधियाना में दुकान चलाने वाले सतबीर ने बताया कि डर तो लगता है। हम इस वजह से अपने धार्मिक पर्व बहुत धूमधाम से नहीं मनाते। यदि कोई धार्मिक आयोजन करना है तो घर के अंदर ही करते हैं।
आरएसएस सिख धर्म के खिलाफ नहीं
पंजाब आरएसएस के प्रमुख प्रचारक मास्टर बृज भूषण बेदी ने बताया कि उनकी ओर से बयान जारी किया गया कि आरएसएस सिख धर्म का सम्मान करता है। हम सिखी के खिलाफ कतई नहीं हैं। इसलिए यदि कोई भी यह कहता है कि आरएसएस से सिख धर्म को खतरा है तो यह पूरी तरह से गलत है। इसमें कुछ भी सच्चाई नहीं है। बेदी ने बताया कि उन्होंने यह बयान मीडिया के माध्यम से जारी किया है, क्योंकि लगातार हिंदू नेताओं की हत्याओं के पीछे यह भी एक वजह बताई जा रही है कि रेडिकल सिख संगठन को लगता है कि आरएसएस सिखी के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व पंजाब का माहौल खराब करना चाह रहे हैं। उनकी बस इतनी ही मंशा है।
पंजाब में आतंकवाद जीवित करने की कोशिश: सीएम
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ओपिनियन पोस्ट से बातचीत में कहा कि पंजाब में आतंकवाद को फिर से जीवित करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने बताया कि हम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा शुरू की गई आॅनलाइन नफरत की मुहिम और कट्टर हिंदुओं के एक धड़े द्वारा सिख भाईचारे और सिखों के एक धड़े द्वारा हिंदुओं के खिलाफ शुरू की गई सांप्रदायिक मुहिम का प्रभावी तरीके से मुकाबला कर रहे हैं। सूबे में आतंकवाद को जीवित करने की कोशिश पाकिस्तान के अलावा कनाडा, जर्मनी, यूएई, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका, पुर्तगाल और सऊदी अरब में बैठे लोगों द्वारा की जा रही है। वे सोशल मीडिया के जरिये आतंकवाद फैलाने की कोशिश में हैं।