विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । जाट जागृति सेना ने रोहतक में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। जिले के सभी राष्ट्रीय राजमार्ग, स्टेट हाइवे, रेलवे स्टेशन व रेलवे लाइनों के 500 मीटर के रेंज में धारा 144 तुरन्त प्रभाव से लागू कर दी गई है। जिलाधीश अतुल कुमार ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
इस संगठन ने मांग की है कि पिछले साल आंदोलन के दौरान दर्ज केस वापस किए जाएं और जेल में बंद आंदोलनकारियों को रिहा किया जाए। जाट जागृति सेना के धरने के मद्देनजर पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है और शहर में जगह-जगह पर पुलिस नाकेबंदी कर दी गई है।
यशपाल मलिक ने किया था धरने का ऐलान
जाट नेता यशपाल मलिक की अगुवाई वाली अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने 29 जनवरी से आंदोलन का ऐलान कर रखा है। इससे पहले शुक्रवार को जाट जागृति सेना ने रोहतक के सेक्टर-6 में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।
इसके तहत गुरुवार को आदेश जारी कर जिलाधीश ने कहा कि इस धारा के अंतर्गत पांच या इससे अधिक लोगों इकट्ठा नहीं हो सकते। जिला में शांति व्यवस्था बनाए रखने व जान-माल की हानि से बचने के लिए भारतीय दंड संहिता 1973 की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करना जरूरी है।
जिलाधीश द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि रोहतक जिले में कोई भी व्यक्ति आग्नेय अस्त्र, तलवार, लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, जैली, गंडासा, चाकू व अन्य चोट पहुंचाने वाले हथियार लेकर नहीं चल सकता। इन हथियारों के रखने पर पूर्ण तौर पर पाबंदी रहेगी। ये आदेश ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मिर्यों व अन्य कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे।
पहले भी हुआ था ये आंदोलन
जाट आरक्षण की मांग को लेकर पिछले साल फरवरी माह में हरियाणा में आंदोलन हुआ था। इस दौरान जगह-जगह हिंसक घटनाएं भी हुईं थी। बाद में हरियाणा सरकार की पहल पर जाट समुदाय ने आंदोलन वापस लिया। इस दौरान जाट समुदाय के अनेक युवाओं पर केस भी दर्ज हुए और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इस बीच हरियाणा सरकार ने जाट समेत 6 जातियों को आरक्षण दे दिया। लेकिन यह मामला फिलहाल हाईकोर्ट में विचाराधीन है।