निशा शर्मा।
जल्लीकट्टू पर संग्राम जारी है हालांकि सुप्रीम कोर्ट जलीकट्टू मुद्दे पर एक सप्ताह तक फैसला न सुनाने की केंद्र सरकार की अपील को मान लिया है। तमिलनाडु में मसले पर बढ़ते तनाव के बीच शुक्रवार को अटार्नी जनरल ने कोर्ट से कहा कि एक सप्ताह तक जलीकट्टू मुद्दे पर फैसला न सुनाए क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार मुद्दे को सुलझाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। कोर्ट ने केंद्र के आग्रह पर हामी भर दी है।
The AG of India says that #jallikattu can be brought in as a sport which is under the State List, and make strict rules to ensure no cruelty
— arvind swami (@thearvindswami) January 19, 2017
इससे पहले आज तमिलनाडु सरकार ने व्यापक प्रदर्शनों के मद्देनजर कहा कि एक या दो दिन में जल्लीकट्टू का आयोजन सुनिश्चित करने के लिए वह अध्यादेश लाएगी। इसका मसौदा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जा चुका है। जिसे गृह मंत्रालय राष्ट्रपति के पास भेजेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा और विधि विशेषज्ञों के साथ परामर्श के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने शुक्रवार सुबह घोषणा की कि राज्य में जल्लीकट्टू खेल के आयोजन को मंजूरी देने के लिए वह केंद्र सरकार के सहयोग से पशुओं पर क्रूरता रोकथाम से जुडे केंद्रीय कानून में संशोधन करेगी।
माना जा रहा है कि राज्य और केन्द्र सरकार अध्यादेश लाकर मसले का हल निकालने की कोशिश कर रही है। एक हफ्ते में राज्य सरकार कोशिश करेगी की मसला सुलझ जाए। ताकि कोर्ट के फैसले से बचा जा सके। दो दिन बाद जल्लीकट्टू हो चुका होगा ऐसे में जल्लीकट्टू को अभी रोकना नामुमकिन लगता है।
TN CM announces that Ordinance will be issued to conduct Jallikattu in a day or two request students to end stir. #JusticeForJallikattu
— O Panneerselvam (@OfficeOfOPS) January 20, 2017
हालांकि अध्यादेश लाने के लिए वक्त की कमी भी सामने आ सकती है क्योंकि कहा जा रहा है कि अध्यादेश पारित करने के लिए समय चाहिए। इस बीच अगर वन्य जीव प्राणियों से जुड़ी संस्थाएंं कोर्ट पहुंचती हैं तो मामला गड़बड़ा सकता है।
Govt should keep an eye on PETA because they are interfering unnecessarily in our traditional things:Union Min Pon Radhakrishnan #Jallikattu pic.twitter.com/EHx7sycogs
— ANI (@ANI) January 20, 2017
वहीं मुख्यमंत्री ने राज्यभर में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से आंदोलन खत्म करने की अपील की है कहा कि एक या दो दिन में इस खेल का आयोजन की संभावना हैं।
Get ready for #Jallikattu
The big day is on the way.
— O Panneerselvam (@OfficeOfOPS) January 19, 2017
पनीरसेल्वम इस मुद्दे पर विधि विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों की राय लेने के लिए कल दिल्ली में ही थे। जहां उन्होंने केंद्र के पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम में राज्य स्तर पर संशोधन के बारे में चर्चा कीथी। परामर्श के बाद इस कानून में राज्य स्तर पर संशोधन करने का फैसला भी लिया था। वहीं केन्द्र सरकार ने अपने स्तर पर अध्यादेश पारित करने से मना कर दिया था क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था हालांकि केन्द्र ने राज्य सरकार को आश्वासन दिया था कि राज्य सरकार अध्यादेश लाएगी तो जो संभव मदद हो सकेगी वह केन्द्र मामले में करेगा। इन्ही कारणों से माना जा रहा है कि अध्यादेश पारित होने की पूरी संभावना है।
राज्य के पशुपालन मंत्री पी बालकृष्ण रेड्डी ने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा, इस मुद्दे पर हमें केंद्र का पूरा सहयोग मिलेगा। पाबंदी हट जाएगी और एक या दो दिन में जल्लीकट्टू का आयोजन होगा।
पनीरसेल्वम ने मीडिया से कहा कि भारत के संविधान के तहत यह संशोधन करने के लिए अध्यादेश लाने का भी निर्णय लिया गया। अध्यादेश का मसौदा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाता है और केंद्र की सिफारिश के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाता है। राष्ट्रपति का आदेश मिलने के बाद तमिलनाडु के राज्यपाल इस मामले पर अध्यादेश जारी कर सकते हैं। मुख्यमंत्री के मुताबिक उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि वे दिल्ली में रहकर इस मुद्दे पर केंद्र सरकार में अपने समकक्षों से विचार-विमर्श करते रहें।
जल्लीकट्टू के मुद्दे पर पूरे तमिलनाडु में लाखों छात्र और युवा शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। मदुरै में लोगों ने रेलगाडियां रोक दी हैं जहां सदियों से जल्लीकट्टू का आयोजन होता आ रहा है।
http://www.opinionpost.in/cultural-tradition-or-animal-cruelty-the-jallikattu-9410-2/