अभिषेक रंजन सिंह, नई दिल्ली।
कन्नड़ की वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को लेकर देश भर में पत्रकार संगठनों ने विरोध जताया है। नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में भी इस हत्याकांड की कड़ी निंदा की गई। पत्रकार संगठनों की तरफ से गौरी लंकेश की स्मृति में एक शोकसभा का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों पत्रकार, लेखक, बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और वामदल और आम आदमी पार्टी से जुड़े नेता शामिल हुए। सभी वक्ताओं ने 55 वर्षीय पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की कड़ी निंदा की। साथ ही उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
गौरतलब है कि कल यानी मंगलवार को कुछ अज्ञात हमलावरों ने बंगलुरु में गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उन्हें रात करीब साढ़े आठ बजे उनके आवास पर गोली मारी गई। गौरी लंकेश कर्नाटक की तेज तर्रार पत्रकारों में शुमार थीं। सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वह लगातार लिखती रहीं। कई बार उन्हें धमकियां भी मिली, लेकिन इसकी परवाह किए बगैर उन्होंने अपनी लेखनी जारी रखी।
नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में तमाम पत्रकारों ने गौरी लंकेश की हत्या के लिए हिंदूवादी संगठनों को जिम्मेदार बताया है। वहीं माकका नेता सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी.राजा और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भी इस हत्याकांड की कड़ी निंदा की और इसके लिए आरएसएस और हिंदूवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, अभी यह बात साफ नहीं हो पाई है कि गौरी लंकेश की हत्या में कौन लोग शामिल थे और उनका संबंध किस विचारधारा से था।
इस बीच गौरी लंकेश के परिजनों ने इस हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। इधर मुंबई प्रेस क्लब और लखनऊ में भी गौरी लंकेश की स्म़ति में शोक सभाएं आयोजित की गईं। सभा में शामिल पत्रकारों ने इस हत्याकांड की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में इससे पहले मशहूर लेखक एमएम कलबुर्गी की भी हत्या हो चुकी है। वहीं अब पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस सरकार पर भी सवाल उठने लगे हैं।