ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी और इसे लेकर राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच यूपी के कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में करीब दर्जन भर बूथों पर सोमवार रात 12 बजे तक मतदान होता रहा। सोमवार सुबह वोटिंग शुरू होते ही कई पोलिंग बूथों पर ईवीएम में गड़बड़ी के मामले सामने आए। इसे लेकर राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से शिकायत की तो आयोग ने आधी रात तक वोटिंग कराने की मंजूरी दे दी। यूपी में यह पहली बार हुआ जब आधी रात तक वोटिंग होती रही और रोजेदारों ने पोलिंग बूथ पर ही रोजा इफ्तार किया।
ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों के मद्देनजर चुनाव आयोग कैराना लोकसभा सीट के 73 पोलिंग बूथों पर बुधवार को दोबारा मतदान कराएगा। कैराना लोकसभा क्षेत्र के नकुड़ और गंगोह क्षेत्र में सबसे ज्यादा ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें की गई थीं। यही वजह रही कि इन इलाकों के आठ पोलिंग बूथों पर आधी रात तक वोटिंग हुई। नकुड़ क्षेत्र के खजुरहेड़ी, दौलतहैड़ी, मुबारकपुर ऐसे बूथ थे जहां देर रात तक वोटिंग हुई। इसी तरह नूरपुर के दो बूथों पर देर रात वोटिंग हुई। इसके लिए चुनाव आयोग ने लाइट और सुरक्षा के खास इंतजाम भी किए थे ताकि अंधेरा न रहे और न ही किसी तरह की कोई अनहोनी हो सके।
नकुड़ ब्लॉक के गांव हरपाली में बूथ संख्या 365 पर ईवीएम में गड़बड़ी की बात सामने आई थी। इसके बाद शाम 5.30 बजे दोबारा मशीन आने के बाद ही मतदान शुरू हुआ। मतदान दोबार शुरू होते ही मतदान केंद्र पर लंबी लाईन लग गई। इसे मुस्लिम बहुल मतदाताओं वाला इलाका माना जाता है। इसीलिए इन बूथों पर मुस्लिम मतदाता लाइन में लगे रहे। इस बीच रोजा इफ्तार का वक्त हो गया। ऐसे में वे रोजा खोलने के लिए अपने घर नहीं गए बल्कि वहीं लाइन में लगे रहते हुए ही इफ्तार किया।
कैराना में 54.17 फीसदी मतदान हुआ जो 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में काफी कम है। 2014 में इस सीट पर 71 फीसदी मतदान हुआ था। इसी तरह नूरपुर में 2017 विधानसभा चुनाव के 66.82 फीसदी मतदान की तुलना में 61 फीसदी मतदान हुआ।