नई दिल्ली।
कर्नाटक में खुली इंदिरा कैंटीन को वहां अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इस कैंटीन में श्रमिक और गरीब लोग महज 10 रुपये में भरपेट भोजन कर सकेंगे। यहां उन्हें हाइजेनिक भोजन मिलेगा। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी हमेशा गरीबों के बारे में सोचती रही है। इसी कड़ी में बेंगलुरु में इंदिरा कैंटीन की शुरुआत की गई है।
राहुल गांधी ने बुधवार को बेंगलुरू में इंदिरा कैंटीन का उद्घाटन किया और कहा कि यह गरीबों को सस्ता और अच्छा खाना मुहैया कराने की शुरुआत है। पड़ोसी राज्य तमिलनाडु की तर्ज पर शुरू की गई इस कैंटीन के जरिये कर्नाटक को भूख मुक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। श्रमिक वर्ग व गरीब प्रवासियों को सस्ती दरों पर भोजन मुहैया कराने के लिए सिद्धारमैया सरकार के फैसले की तारीफ की जा रही है। बेंगलुरू के बाद इसे पूरे राज्य में शुरू करने की योजना है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा, “मुझे यह घोषणा करने में खुशी हो रही है कि बेंगलुरू में इंदिरा कैंटीन खुलने जा रही है, जहां हर दिन शहर के श्रमिक और गरीब लोग सस्ते में भोजन करेंगे।” प्रारंभिक चरण में, 101 कैंटीन हर दिन 5 रुपये में शाकाहारी टिफिन (नाश्ता) और 10 रुपये में दोपहर का भोजन और इसी दाम में रात का भोजन मुहैया कराएंगी। वहीं, अक्टूबर में महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिन के अवसर पर शेष बचे 97 वार्डों में भी ऐसी कैंटीन खोली जाएंगी।
उन्होंने कहा कि इस कैंटीन के शहर के गरीब पर पड़े अच्छे और बुरे प्रभाव का अध्ययन कर राज्य के अन्य शहरों और कस्बों में भी इसी तरह के कैंटीन खोलेंगे। मुख्यमंत्री के पास ही वित्त मंत्रालय है। उन्होंने चालू वित्तवर्ष (2017-18) में सभी 198 वार्डों में पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के प्रसिद्ध ‘अम्मा’ कैंटीन की तर्ज पर कैंटीन चलाने के लिए बजट में प्रावधान किया है।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य कर्नाटक को भूख मुक्त बनाना है। राज्य में हर महीने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) को ‘अन्न भाग्य योजना’ के 7 किलोग्राम चावल मुफ्त प्रदान किया जा रहा है, ताकि वे दो वक्त भोजन प्राप्त कर सके।” फील्ड मार्शल मानेकशॉ परेड ग्राउंड में लोगों की सभा को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि दाल (तूर दाल) की भी सब्सिडी दर पर आपूर्ति की जा रही है।
उन्होंने कहा कि स्तनपान करा रही माताओं और गर्भवती महिलाओं के लिए मातृपूर्ण योजना के तहत रोजाना मिड डे मील मुहैया कराया जा रहा है। 2 अक्टूबर से इसका विस्तार राज्य के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों तक किया जा रहा है, जिनकी संख्या 12 लाख है।