श्रीनगर। अशांत चल रहे कश्मीर में वार्षिक बोर्ड की परीक्षाओं के मद्देनजर सोमवार को हजारों छात्र-छात्राओं ने विभिन्न केंद्रों पर परीक्षा देकर अलगाववादियों को करारा जवाब दिया है। अब जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होता दिख रहा है। घाटी में अशांति की वजह से अब तक दो पुलिसकर्मी समेत 85 लोगों की मौत हो चुकी है और कई हजार लोग घायल हो चुके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि वार्षिक बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने के साथ ही घाटी में लोगों और वाहनों की आवाजाही में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पूरे कश्मीर में करीब 48,000 परीक्षार्थियों के लिए लगभग 484 परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था की गई है। कश्मीर घाटी में अभिभावकों द्वारा परीक्षा को तत्काल स्थगित करने की मांग के बावजूद सरकार ने परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया। अशांति की वजह से घाटी में शैक्षणिक गतिविधियां बाधित हो गई थीं जिसकी वजह से अभिभावकों ने घाटी में परीक्षा की अवधि को आगे बढ़ाने की मांग की थी।
अधिकारियों ने बताया कि सुचारु रूप से परीक्षा के संचालन के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है, हालांकि घाटी में कहीं भी लोगों की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं है।
भारी तादाद में गाड़ियों की आवाजाही के साथ ही सिविल लाइन्स और शहर के बाहरी इलाकों में दुकानें भी खुलीं। कमोबेश यही हालत कश्मीर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिली। अधिकारियों ने बताया कि अंतर-जिला कैब भी विभिन्न मार्गों पर चल रही थीं। कई फुटकर विक्रेता टीआरसी चौक और लाल चौक के आस-पास अपनी दुकानें लगाए रहे जबकि घाटी भर में बैंक भी खुले रहे जिससे ग्राहक भी भरपूर पहुंच रहे हैं। हालांकि, घाटी के अन्य क्षेत्रों में कई दुकानें, पेट्रोल पंप और कई व्यापारिक प्रतिष्ठान अलगाववादियों द्वारा आयोजित हड़ताल की वजह से बंद पड़ी थी।
जुलाई में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से ही अलगाववादी गुट सप्ताहिक विरोध प्रदर्शनों का लगातार आयोजन कर रहे हैं। घाटी में अशांति की वजह से अब तक दो पुलिसकर्मी समेत 85 लोगों की मौत हो चुकी है और कई हजार लोग घायल हो चुके हैं। इस संघर्ष में करीब 5000 सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं।