ओपिनियन पोस्ट ।
प्रवासी भारतीयों तक पहुंच बनाने के प्रयास के तहत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को बहरीन पहुंचे। खाड़ी के देशों में सबसे अधिक करीब 35 लाख प्रवासी भारतीय रहते हैं। दिसंबर में पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा है।
कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि बहरीन पहुंचने पर राहुल गांधी का जोरदार स्वागत किया गया। उनके स्वागत के लिए प्रशंसक और शुभचिंतक हवाई अड्डे पर उमड़े। गांधी सोमवार से यहां शुरू होने वाले ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडियन ओरिजिन (जीओपीआइओ) के तीन दिवसीय समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। इस समारोह में 50 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
बहरीन के प्रधानमंत्री से की मुलाकात
कांग्रेस अध्यक्ष ने बहरीन के प्रधानमंत्री प्रिंस शेख खालिद बिन हमद अल खलीफा से मुलाकात की। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा लिखी गईं किताबें भी उन्हें भेंट की, जिनमें डिस्कवरी ऑफ इंडिया भी शामिल हैं।
बहरीन के शाह हमद बिन इसा अल खलीफा से भी उनके मिलने की संभावना है। वह भारतीय मूल के कारोबारियों के साथ भी बातचीत करेंगे। गांधी की यह पहल बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों के बीच कांग्रेस को लोकप्रिय बनाने के कदम के रूप में देखी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्राओं में प्रवासी भारतीयों से मुलाकात करते हैं।
ये है कांग्रेस अध्यक्ष का पूरा कार्यक्रम
कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद राहुल गांधी का यह पहला विदेशी दौरा है। अपने इस दौरे के दौरान वह अनिवासी भारतीयों के एक सम्मेलन को संबोधित करेंगे और बहरीन के प्रधानमंत्री शहजादे सलमान बिन हमद अल-खलीफा से मुलाकात किया।
राहुल गांधी बहरीन के राजकीय अतिथि होंगे। उनके शाह हमद बिन इसा अल खलीफा से भी मुलाकात की संभावना है। कांग्रेस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि गांधी ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडिया ओरिजिन (जीओपीआईओ) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के विदाई सत्र में सोमवार को हिस्सा लेंगे। बयान में कहा गया है कि कार्यक्रम में 50 देशों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे। वह भारतीय मूल के कारोबारियों से भी सोमवार को बातचीत करेंगे।
दौरे का निकाला जा रहा चुनावी कनेक्शन
खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। इनमें दक्षिणी भारत के लोगों की संख्या अच्छी खासी है, जिसमें खासकर केरल और कर्नाटक मुख्य रूप से हैं। ऐसे में राहुल गांधी के बहरीन दौरे को 2019 के लोकसभा और अगले कुछ महीनों में होने वाले कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खाड़ी देशों में करीब 35 लाख भारतीय हैं, जो विशेष रूप से दक्षिण भारत से जुड़े हैं। ऐसे में राहुल गांधी के इस दौरे का राजनीतिक महत्व भी है, जिसका असर कर्नाटक चुनाव पर पड़ सकता है
अपने बहरीन दौरे से पहले एक ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा था, ‘अनिवासी भारतीय हमारी सौम्य ताकत के वास्तविक प्रतिनिधि एवं विश्व में हमारे देश के दूत होते हैं। बहरीन में अपने देशवासियों के साथ मुलाकात और उन्हें संबोधित करने को लेकर आशान्वित हूं।’ राहुल गांधी के नौ जनवरी को भारत लौटने की संभावना है।
आपको यह दिलचस्प बात भी बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बहरीन दौरे पर जाने वाले हैं, मगर उनसे राहुल गांधी वहां पहुंच गए। ऐसा कहा जा रहा है कांग्रेस राहुल गांधी की वैश्विक छवि को मजबूत करने में जुट गई है। इस साल उनके कई और विदेशी दौरे शेड्यूल हैं, जिनके तहत वह यूरोप और अमेरिका जाने वाले हैं।