नेपाल से चीन को तेंदुआ खाल की तस्करी

राकेश चन्द्र श्रीवास्तव। गृह मंत्री के बयानों और सीमा पुलिस की चौकसी के दावे के बावजूद भारत-नेपाल सीमा पर सब कुछ जारी है। कुछ भी थमा नहीं है न पशुओं की तस्करी, न देह व्यापार और न बेरोजगार युवक- युवतियों को नशे और अपराध की लत लगाकर गैंग तैयार करने की होड़। भारत-नेपाल सीमा से सटे यूपी के एक दर्जन जिलों की लगभग सात सौ किलोमीटर लंबी सीमा पर पशुओं और वन्य जीवों की खाल की तस्करी जारी है। एक पखवाड़ा पूर्व यूपी के बहराइच-रुपईडीहा से सटे भारत-नेपाल सीमा पर नोमेंसलैंड से तेंदुए की खाल के साथ दो वन्य जीव तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। यह खाल दांत के साथ एसएसबी को हाथ लगी है। नेपाली तस्कर खाल को गोरखपुर के सुनौली से तस्करी कर नेपाल ले जा रहे थे। वहां से इसे चीन भेजा जाना था। बरामद खाल को सीज कर तस्करों को जेल भेज दिया गया है। दांत के साथ खाल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग दो करोड़ रुपए बताई जा रही है। एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट वीसी जोशी ने बताया कि एक पखवाड़ा पूर्व भारत-नेपाल सीमा नोमेंसलैंड के पिलर संख्या 30/1 के पास से दो नेपाली तस्करों निर्मल विश्वकर्मा निवासी चंगेजीगड़ी जिला तिंगजा नेपाल और वकत विश्वकर्मा निवासी टोली जिला आक्षाम नेपाल को खाल में तेंदुए की खाल के साथ जिसमें 27 दांत भी लगे थे, गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि यह तेंदुए की खाल गोरखपुर के पास सुनौली से एक व्यक्ति से खरीदी गई थी। इस खाल को बहराइच- रूपहिडीहा के रास्ते नेपाल से चीन ले जाया जाना था। श्री जोशी ने बताया की दांत लगे होने से तेंदुए की खाल की कीमत करोड़ों में पहुंच जाती है। तेंदुए और बाघ की हड्डियों का प्रयोग शक्तिवर्धक दवाओं के रूप में भी होता है।

भारत से नेपाल को पशुओं की तस्करी
भारत नेपाल सीमा पर यूपी के तराई के एक दर्जन जिलों से नेपाल को प्रतिमाह लगभग 20 करोड़ रुपए की लागत के भैंसे, बकरे और खाद्यान वस्तुओ की तस्करी हो रही है। भारत के भैंसे और बकरों को नेपालगंज और काठमांडो में काटकर इनके गोश्त को पैकिंग कर चीन ,कोरिया, हांगकांग आदि देशों में भेजा जाता है। इससे नेपाल काफी मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है। यह भी पता चला है कि चीन में तमाम नेपाली युवक बकरे और भैंसे के गोश्त को डिब्बों में पैक करने का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। फिर वे काठमांडो आकर यहां भारतीय भैसों व बकरों को काटकर इनके गोश्त की आधुनिक वैज्ञानिक ढंग से डिब्बों में पैकिंग करते हैं जिससे गोश्त कई महीनों तक खराब नहीं होता। चीन ने जानवरों के गोश्त को डिब्बों में पैकिंग करने की नई तकनीक विकसित की है जिसका लाभ नेपाली युवकों को मिल रहा है। इस तस्करी को बढ़ावा देने में यूपी के सीमांत जिलों की पुलिस और कस्टम विभाग नेपाल को प्रत्यक्ष रूप से मदद दे रहे हैं। नेपाल तस्करी को इसलिए भी बढ़ावा दे रहा है जिससे वह दिनों दिन भारत से व्यापारिक सम्बन्ध कम कर सके। यूपी के बहराइच में मिहिपुरवा , मोतीपुर , गायघाट, मल्हीपुर, सिरसिया, नवाबगंज तस्करी के प्रमुख केंद्र हैं जहां से नेपाल को जानवरों और खाद्यान्न पदार्थों की तस्करी होती है। हालांकि पशुओं की तस्करी रोकने के लिये एसएसबी नेपाल सीमा पर जागरूकता कार्यक्रम चला रही है लेकिन पुलिस और कस्टम विभाग की मिलीभगत से तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है।

तस्करों ने की एसएसबी जवान की हत्या
तीन माह पहले भारत-नेपाल सीमा पर यूपी के लखीमपुर जिले के कोतवाली गौरी फांटा क्षेत्र में एक एसएसबी जवान दीपसिंह को दो तस्करों ने हॉकी स्टिक से हमलाकर मौत के घाट उतार दिया था। 12 अप्रैल 2016 को लखीमपुर पुलिस ने इस हत्याकांड का राज फाश करते हुए दो अभियुक्तों जयबहादुर राणा व रमेश राणा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। भारत नेपाल सीमा पर आये दिन पशु तस्कर पुलिस पर गोलियां भी चलाते हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *