मुंबई। बैंकों और वित्तीय संस्थानों के एक सर्वे से संकेत मिले हैं कि लोन सस्ता होने जा रहा है। अधिकतर बैंकरों का कहना है कि मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू में मंगलवार को इंट्रेस्ट रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा हो सकती है। यह हाल ही में बनी एमपीसी यानी मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी का पहला रिव्यू होगा। मौद्रिक नीति में क्या हो सकता है, इसका अंदाजा लगाने के लिए सर्वे किया गया।
सर्वे में कहा गया कि मंगलवार को आरबीआई रेट घटा सकता है। वहीं, दूसरों का कहना है कि रेट में बदलाव नहीं होगा। एमपीसी के साथ भारत उन विकसित देशों के क्लब में शामिल हो गया है, जहां इंट्रेस्ट रेट के बारे में फैसला एक कमेटी करती है।
एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य का कहना है कि महंगाई दर कम है। इसलिए रेट में कटौती की गुंजाइश बनती है। उन्होंने कहा कि मॉनसून सामान्य रहा है, जिससे महंगाई नियंत्रण में है। उधर, कैपिटल एक्सपेंडिचर कम बना हुआ है और लोन ग्रोथ भी कमजोर है। भट्टाचार्य ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और ग्लोबल कमोडिटी प्राइसेज में बढ़ोतरी से महंगाई दर बढ़ने की आशंका भी बनी हुई है, लेकिन यह 6 प्रतिशत से ऊपर नहीं जाएगी।
अगस्त में रिटेल इन्फ्लेशन 5.05 प्रतिशत के साथ 6 महीनों में सबसे कम थी। रिजर्व बैंक इसी डेटा के आधार पर ब्याज दर के बारे में फैसला करता है। हाल ही में देश ने अगले 5 साल के लिए 4 प्रतिशत महंगाई दर का लक्ष्य तय किया है। 2021 तक इसकी अधिकतम सीमा 4 प्रतिशत और न्यूनतम सीमा 2 प्रतिशत तय की गई है। एमपीसी मंगलवार को पहली बार मॉनिटरी पॉलिसी को रिव्यू करेगी। इस कमेटी में आरबीआई गवर्नर ऊर्जित पटेल सहित 6 सदस्य हैं। अगर कमेटी में टाई होता है, तब निर्णायक वोट डालने का अधिकार आरबीआई गवर्नर के पास होगा।
लक्ष्मी विलास बैंक के कार्यकारी निदेशक एनएस वेंकटेश ने बताया, ‘आरबीआई ने ओपन मार्केट ऑपरेशंस के जरिये बैंकिंग सिस्टम में काफी कैश डाला है। इस सीजन में लोन ग्रोथ तेज रहती है। इकनॉमिक ग्रोथ तेज करने के लिए सिस्टम में कैश बढ़ाया गया है।’ इस साल अब तक लोन ग्रोथ 10 प्रतिशत से कम रही है, जबकि अप्रैल-जून क्वॉर्टर में देश का ग्रॉस डोमेस्टिक प्रॉडक्ट (जीडीपी) 7.1 प्रतिशत बढ़ा। यह पिछले 6 तिमाही में सबसे कम ग्रोथ है। इसलिए रेट में कटौती से आर्थिक वृद्धि तेज करने में मदद मिलेगी।
एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने बताया, ‘मॉनसून अच्छा है, इसलिए आगे महंगाई दर में कमी आएगी। यह देखना है कि वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच रिजर्व बैंक भारत के ग्रोथ की संभावना को किस तरह देखता है। पिछले दो महीनों में बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड में 0.20 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस वजह से निवेशक मंगलवार की पॉलिसी में रेट घटने की उम्मीद कर रहे हैं।’