ओडिशा के पुरी शहर की भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की विश्व प्रसिद्ध वार्षिक रथ यात्रा रविवार को शुरू हो गई। भारी बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यात्रा हर साल आषाढ़ महीने के दूसरे दिन ‘आषाढ़ी बिज ‘ को निकाली जाती है।
रथयात्रा में शामिल होने के लिए लाखों श्रद्धालु इस यात्रा के लिए एकत्रित हुए, जिसमें लकड़ी के तीन विशाल रथों को भक्तों द्वारा खींचकर गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है, जिनमें भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र और उनकी बहन देवी सुभद्रा के विग्रह विराजमान होते हैं।
रथ यात्रा (रथ उत्सव) के दौरान 12 वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर से तीनों देवी देवताओं के विग्रहों को अपने-अपने रथों में बैठाकर देवी गुंडिचा के मंदिर ले जाया जाता है। नौ दिन बाद बहुदा यात्रा यानी तीनों के वापस लौटने की यात्रा के साथ इस उत्सव का समापन होता है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह के अलावा कई केंद्रीय और राज्य मंत्रियों ने लोगों को रथयात्रा के मौके पर शुभकामनाएं दीं।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने रथ के रास्ते को साफ करने की प्रतीकात्मक रस्म ‘पाहिंद विधि ‘ की। यात्रा में 18 हाथी, 101 ट्रक, सात कार, 30 अखाड़ों के सदस्य और 18 भजन मंडली शामिल रहे।