बैंकों से 9000 करोड़ लेकर विदेश भाग गए किंगफिशर मैन माल्या ने कोर्ट में 4000 करोड़ लौटाने का आफर दिया है। माल्या के आफर के अनुसार 2000 करोड़ तुरंत और 2000 सितंबर के अंत तक लौटाए जाने का प्रस्ताव है। सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के ख़िलाफ़ केस करने वाले 17 बैंको के समूह को एक हफ़्ते के अंदर जवाब देने को कहा है।
माल्या के वकीलों ने कहा कि वह प्रपोजल की कॉपी सील कवर में दे रहे हैं, क्योंकि मीडिया हाइप की वजह से यह पब्लिक इंटरेस्ट का विषय हो गया है। इस पर जस्टिस कूरियन ने कहा कि मीडिया का कोई इंटरेस्ट नहीं है सिवाय इसके कि बैंकों का पैसा वापस मिल जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि विजय माल्या भारत कब लौट रहे हैं। माल्या के वकील ने कहा कि वर्तमान में इसकी जरूरत नहीं है, क्योंकि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैंकों से बात कर रहे हैं।
भारी-भरकम नुकसान और देनदारी के बोझ के कारण किंगफिशर एयरलाइंस को 2012 में बंद कर दिया गया था। बैंकों की ओर से कर्ज वसूली की कोशिश तेज होने के बीच विमानन कंपनी के संस्थापक और मुख्य प्रवर्तक माल्या दो मार्च को देश छोड़ कर जा चुके हैं। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल सीबीआई द्वारा दायर प्राथमिकी के आधार पर माल्या और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है। एसबीआई और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया सहित कई बैंकों ने विजय माल्या को ‘विलफुल डिफॉल्टर’ यानी जानबूझकर लोन न चुकाने वाला घोषित कर दिया है।
विवाद बढ़ने के बाद सीबीआई ने यूबी समूह के तत्कालीन चेयरमैन विजय माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस, रघुनाथन और आईडीबीआई बैंक के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने नियमों का उल्लंघन कर 900 करोड़ रुपये का कर्ज दिया। यह मामला राजनीतिक भी हो गया था जब विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि माल्या को जानबूझकर विदेश भागने दिया गया है।