विजय माल्या के जरिये बड़े बकायेदारों को कड़ा संदेश

नई दिल्ली। लिकर किंग रह चुके विजय माल्या को आखिरकार भारत सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जरिये बड़ा झटका दे दिया है। शनिवार को ईडी (एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट) ने मनी लांड्रिंग जांच से जुड़े मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या की 6,630 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली। माल्या की संपत्ति कुर्क करने के संबंध में निदेशालय का यह दूसरा आदेश है। माल्या की कुर्क की गई संपत्ति में महाराष्ट्र में उनका 200 करोड़ रुपये का फार्महाउस, बंगलुरू स्थित 800 करोड़ रुपये का मॉल, माल्या के मालिकाना हक वाले यूबीएल और यूएसल कंपनी के 3 हजार करोड़ रुपये के शेयर शामिल हैं। ईडी ने इन संपत्तियों का वैल्यूएशन 2010 की कीमतों के आधार पर किया लेकिन इनकी मौजूदा वैल्यू इससे ज्यादा है और वह 6600 करोड़ रुपये के आसपास हो सकती है।

जैसा कि आप जानते ही होंगे कि विजय माल्या बैंकों का बकाया 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चुकाए बिना विदेश जा चुके हैं। विजय माल्या ने 2 मार्च को देश छोड़ दिया था और फिलहाल लंदन में जिंदगी बिता रहे हैं। जिस वक्त उन्होंनें देश छोड़ा था वह राज्यसभा के सदस्य के तौर पर राजनयिक पासपोर्ट पर भारत के बाहर गए थे। हालांकि ईडी की मांग पर विदेश मंत्रालय विजय माल्या का राजनयिक पासपोर्ट भी रद्द कर चुका है।

शनिवार को ईडी ने विजय माल्या के खिलाफ जो बड़ी कार्रवाई की, उसके जरिये सरकार बड़े बकाएदारों को कड़ा संदेश दे रही है जिन्हें अभी भी लगता है कि सरकार उनसे पैसा वसूल नहीं पाएगी। सरकार का संदेश कड़ा है कि वह अब ऐसे लोगों को बचकर जाने नहीं देगी, जब तक कि वे पूरा बकाया पैसा सरकार को वापस नहीं कर देते। माल्या की संपत्ति कुर्क करने के पीछे ईडी की यही सोच सामने आ रही है कि बाकी बकाएदार एलर्ट हो जाएं और समय से पैसा सरकार को वापस कर दें। साफ है कि उनके खिलाफ भी ऐसी ही कड़ी कार्रवाई की जा सकती है अगर उन्होंने सरकार का पैसा समय से नहीं लौटाया।

ईडी पहले भी विजय माल्या और यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड की संपत्तियां ज़ब्त कर चुका है। हालांकि तब माल्या ने कहा था कि अगर प्रवर्तन निदेशालय उनकी चल-अचल संपत्ति ज़ब्त कर लेगा तो उनके लिए बैंकों का कर्ज़ चुकाना मुश्किल होगा। इसी साल 25 जुलाई को बैंकों के समूह की ओर से दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को नोटिस जारी किया था। इस मामले में एटॉर्नी जनरल ने दलीलों में आरोप लगाया था कि माल्या ने अपनी संपत्ति का पूरा खुलासा नहीं किया जिसके बाद कोर्ट ने माल्या को नोटिस देकर उनका जवाब मांगा था।

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