नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रेस की स्वतंत्रता की वकालत की और इसके प्रति सरकारों के संवेदनशील होने की जरूरत बताई है। दिल्ली में बुधवार को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के समारोह में उन्होंने प्रेस की आजादी की पैरवी की और कहा कि मीडिया पर बाहरी दबाव या दखल ठीक नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी अहम है। इसलिए मीडिया में सरकार की दखल नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गलतियों से मीडिया का मूल्यांकन करना गलत है।
उन्होंने स्टेट ऑफ द स्टेट्स अवॉर्ड का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन अवॉर्ड से राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ी। उन्होंने कहा कि राज्यों के बीच विकास की प्रतियोगिता, स्वच्छता जैसे मुद्दों पर मीडिया ने सकारात्मक माहौल बनाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडियाकर्मियों की हत्या को चिंताजनक बताते हुए कहा कि पत्रकारों की हत्या सच दबाने का तरीका है। उन्होंने कहा कि सरकार और मीडिया में संवादहीनता नहीं होनी चाहिए। सरकार मीडिया दोनों ओर से बदलाव होने की भी बात कही। आपातकाल में मीडिया की आवाज दबाई गई। सत्य उजागर करने वालों पर हमले को सबसे बड़ा जुर्म बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके प्रति सरकारें भी संवेदनशील हों।
पीएम मोदी ने आत्मवलोकन को भी ज़रूरी करार देते हुए कहा कि कंधार कांड और फिर 26/11 की घटना के बाद भी मीडिया के बड़े अनुभवी लोगों ने आत्मावलोकन किया था। सरकार के सूचना तंत्र को मजबूत करने में भी पीसीआई की भूमिका हो सकती है, क्योंकि सरकार को भी सूचना की जरूरत रहती है।