नई दिल्ली।
दवाओं की बिक्री से संबंधित सख्त नियमों के विरोध में मंगलवार 30 मई 2017 को देश भर के दवा विक्रेताओं की हड़ताल से नौ लाख से अधिक दवा दुकानें बंद होने से लोगों को दवाएं खरीदने में परेशानी हो सकती है। लेकिन इस हड़ताल से आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है।
आपके लिए ये जानना जरूरी है कि आखिर कौन सी ऐसी दुकानें हैं जहां हड़ताल के बावजूद दवाएं मिल सकती हैं। आइए जानते हैं कि आपको दवा की जरूरत हो तो आप कहां जाएं कि आपको तुरंत दवा मिल जाए। दवा विक्रेताओं की हड़ताल के बावजूद दिल्लही में एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, एलएनजेपी, बाड़ा हिंदुराव जैसे अस्पतालों के बाहर बड़ी दवा की दुकानें खुली रहेंगी।
हड़ताल के मद्देनज़र आप सरकारी अस्पतालों की फार्मेसी से भी दवाएं खरीद सकते हैं। केमिस्ट असोसिएशन ने भरोसा दिलाया है कि अस्पतालों की फार्मेसी को लेकर उनकी कोई लड़ाई नहीं है। भारत के ज्यादातर शहरों में अब ऑनलाइन मेडिसिन डिलीवरी की सुविधाएं मौजूद हैं। इन्हीं के विरोध में केमिस्ट हड़ताल पर भी हैं।
ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) के मुताबिक उन्होंने सरकार को सख्त नियम के खिलाफ प्रस्ताव भेजे थे, लेकिन इसे सुना नहीं गया। इसके बाद एक दिन की हड़ताल आह्वान किया गया है। एआईओसीडी के वरिष्ठ सदस्य ने कहा, ‘हमें दवाओं की बिक्री से संबंधित सभी जानकारी एक पोर्टल पर डालने को कहा गया है, जो कि मौजूदा ढांचे में संभव नहीं है।’
एआईओसीडी जंतर-मंतर पर अपनी चिंताओं को लेकर प्रदर्शन कर सकता है। दवाइयों के दुकानदार ऑनलाइन फार्मेसी का भी विरोध कर रहे हैं। विक्रेताओं की मानें तो ऑनलाइन फार्मेसी से उनके व्यवसाय को नुकसान होगा। उससे दवाइयों के गलत इस्तेमाल और नकली दवाओं की बिक्री को बढ़ावा मिलने की आशंका है।
ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के आह्वान पर देश भर में दवा दुकानें बंद हैं। राजस्थान केमिस्ट एसोसिएशन ने भी बंद का समर्थन करते हुए चालीस हजार दवा दुकानें बंद रखने का एलान किया है। एक ओर जहां एसोसिएशन की ओर से ई-पोर्टल नीति का विरोध समेत विभिन्न मांगों को लेकर बंद बुलाया है तो बंद के मद्देनजर औषधि नियंत्रण संगठन ने भी इंतजाम किए हैं।