अाेपिनियन पाेस्ट
केंद्रीय कैबिनेट में विस्तार की अटकलें गुरुवार को उस वक्त तेज हो गईं, जब केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वह ज्यादा वक्त तक रक्षा मंत्री नहीं रहेंगे। एक पत्रकार के सवाल के जवाब में उन्होंने ये संकेत दिए। जेटली इस वक्त वित्त और रक्षा, दोनों ही विभागों का कामकाज देख रहे हैं। उधर, बीजेपी चीफ अमित शाह के घर पर एक हाई लेवल बैठक हुई, जिसमें जेटली के अलावा कई केंद्रीय बीजेपी नेता शामिल हुए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में 8 केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। मीटिंग के बाद बीजेपी गुजरात इनचार्ज भूपेंद्र यादव ने कहा कि बैठक में सिर्फ राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई। हालांकि, राजनीतिक जानकार इसे जल्द होने वाले कैबिनेट विस्तार से जोड़कर देख रहे हैं।
बता दें कि जेडीयू के एनडीए में शामिल होने के बाद से ही कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि जेडीयू को केंद्र में दो मंत्री पद दिए जा सकते हैं। कैबिनेट में फेरबदल की एक वजह रेल मंत्री सुरेश प्रभु के इस्तीफे की पेशकश भी है। लगातार रेल हादसों की वजह से आलोचना का शिकार हुए प्रभु ने पीएम से मिलकर इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि, प्रभु ने बताया था कि पीएम मोदी ने उन्हें इंतजार करने को कहा है।
वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद से भी मंत्री पद खाली हुआ है। बीजेपी नेता अनिल माधव दवे की मौत के बाद इस साल मई में विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन को पर्यावरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। वहीं, नायडू के पद छोड़ने के बाद स्मृति ईरानी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रही हैं।
शाह के घर हुई हाई प्रोफाइल मीटिंग और जेटली के संकेत को राजनीतिक नजरिए से बेहद अहम माना जा रहा है। संकेत मिल रहे हैं कि देश को नया रक्षा मंत्री जल्द ही मिल सकता है। बता दें कि गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर के राज्य की राजनीति में वापस लौटने के बाद जेटली को रक्षा मंत्री का कामकाज देखना पड़ रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार को ब्रिक्स समिट के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के चीन रवाना होने से पहले कैबिनेट में फेरबदल देखने को मिल सकता है।