मेक्सिको सिटी।
मेक्सिको की राजनीति में बड़ा ऐतिहासिक बदलाव हुआ है। वामपंथी नेता आंद्रेस मेनुएल लोपेज़ ओब्राडोर ने वहां रविवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की है। उन्होंने कहा है कि देश में महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है।
भ्रष्टाचार और हिंसा से आजिज जनता ने एक सदी से शासन कर रही दो प्रमुख पार्टियों को भी खारिज कर पहली बार ‘लाल सलाम’ किया है। मेक्सिको में 1929 से हर 6 साल बाद राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहे हैं। अभी तक सिर्फ दो प्रमुख दल नेशनल एक्शन पार्टी (पीएएन) और इंस्टिट्यूशनल रेवोल्यूशनरी पार्टी (पीआरआई) ने देश में शासन किया है।
तब से लेकर 2000 तक पीआरआई पार्टी के उम्मीदवार राष्ट्रपति रहे और 2000 से 2012 तक पीएएन ने देश की सत्ता संभाली। 2012 के चुनाव में पीआरआई ने सत्ता में वापसी की।
इस तरह से लोपेज़ ओब्राडोर मेक्सिको के इतिहास में पहले राष्ट्रपति होंगे जो इन दोनों दलों से ताल्लुक नहीं रखते। मेक्सिको की जनता पहली बार देश की दो प्रमुख पार्टियों से इतर किसी और का शासन देखेगी।
मेक्सिको सिटी के पूर्व मेयर और एम्लो नाम से लोकप्रिय 63 वर्षीय लोपेज़ ओब्राडोर को 53 प्रतिशत मत मिले हैं। वे 1 दिसंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। लोपेज़ ओब्राडोर ने अपने चुनाव अभियान में भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाया था। वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की भी खुलकर आलोचना करते रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट कर लोपेज़ को जीत की बधाई दी है। उन्होंने लिखा है, ”आंद्रेस मेनुएल लोपेज़ ओब्राडोर को मेक्सिको का अगला राष्ट्रपति बनने की बधाई। अमेरिका और मेक्सिको की बेहतरी किए जाने की ज़रूरत है।”
क्या होगा बदलाव?
लोपेज़ ओब्राडोर के विपक्षियों ने उनकी यह कहते हुए आलोचना की थी कि वे अपनी वामपंथी नीतियों के चलते पहले से ही नुकसान में चल रही मेक्सिको की अर्थव्यवस्था को और गर्त में ले जाएंगे। कई आलोचकों ने आशंका जताई कि मेक्सिको का हाल वेनेज़ुएला जैसा हो जाएगा। लेकिन राष्ट्रपति पद पर महत्वपूर्ण जीत दर्ज़ करने के बाद लोपेज़ ओब्राडोर ने कहा कि वे भ्रष्टाचार को खत्म करने के अपने वायदे को पूरा करेंगे।
पिछले साल से लेकर अभी तक मेक्सिको में हिंसा की बहुत सी घटनाएं हुई हैं। इसमें से अधिकतर घटनाओं में ड्रग्स बेचने वाले समूह शामिल रहे। लोपेज़ ने कहा है कि वे अपनी सुरक्षा कैबिनेट के साथ इस संदर्भ में रोजाना बैठक करेंगे। इस बार के चुनाव प्रचार मेक्सिको के इतिहास में सबसे अधिक हिंसक घटनाओं से भरे रहे और 130 से अधिक राजनीतिक उम्मीदवारों और पार्टी कार्यकर्ताओं की मौत हुई।
चुनाव प्रचार के दौरान लोपेज़ ओब्राडोर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के प्रति कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते रहे लेकिन जीत के बाद उन्होंने कहा कि वे अमेरिका के साथ दोस्ताना संबंध स्थापित करने की कोशिश करेंगे।
व्यापार जगत के बीच पैदा हुई चिंता पर उन्होंने कहा कि वे व्यापार जगत का राष्ट्रीयकरण नहीं करेंगे और निजी व्यापार का सम्मान करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार करों में वृद्धि नहीं करेगी। सामाजिक नीतियों पर लोपेज़ ओब्राडोर कहा कि वे वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली पेंशन दोगुनी करेंगे।