नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने ‘प्रगतिशील पंचायत’ नाम से कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है, जिसका दायरा उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से प्रगतिशील पंचायतों के आयोजन देशभर में किए जाएंगे। इसकी कमान अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के पास है, जिन्होंने संपर्क तंत्र का कार्यक्रम भी तय कर लिया है। पंचायतों में नकवी के अलावा अलग-अलग केंद्रीय मंत्री भी उपस्थित रह सकते हैं। संदेश यह होगा कि सरकार खुद चलकर उनके दरवाजे तक आई है ताकि उनकी समस्या को दूर किया जा सके। पहली मंजिल अल्पसंख्यक बहुमत वाला हरियाणा का मेवात जिला है।
अगले तीन-चार महीने में लगभग सौ स्थानों पर मुस्लिम पंचायतों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें राज्य और केंद्र के मंत्री व अधिकारी मौजूद होंगे। यानी हर महीने औसतन 25-30 मुस्लिम पंचायतें होंगी। कोशिश होगी कि पंचायत की समस्या का निपटारा मौके पर ही कर दिया जाए। इसका समापन दिल्ली में अंत्योदय समागम के रूप में होगा, जिसमें खुद प्रधानमंत्री मौजूद हो सकते हैं।
कांग्रेस ने इसे भाजपा का चुनावी हथकंडा करार दिया है। कांग्रेस नेता मीम अफजल ने कहा कि यूपी में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर भाजपा इस तरह की बातें कर रही है। कांग्रेस ने हमेशा मुस्लिम समुदाय की भलाई के बारे में सोचा है और काम किया है। हालांकि उत्तर प्रदेश में फिलहाल किसी पंचायत को कार्यक्रम के लिए नहीं चुना गया है।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम समुदाय के उत्थान और उन्हें विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए एक बड़ी पहल की है। सरकार ने मुस्लिमों की समस्याएं सुनने के लिए ‘प्रगतिशील पंचायत’ नाम से देशभर में पंचायत करने का फैसला किया है। सरकार की मानें तो मुस्लिमों की समस्या का समाधान तुरंत ढूंढने की कोशिश भी की जाएगी।
बृहस्पतिवार को मेवात में ‘प्रगतिशील पंचायत’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें केंद्र सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और अन्य मंत्री शामिल हो रहे हैं। उसके बाद पंचायत के रूप में इस कार्यक्रम के जरिये मुस्लिम समुदाय के लोगों से मिलने-जुलने का काम पूरे देश में किया जाएगा।
दरअसल, केंद्र सरकार की मानें तो पिछली सरकार ने मुस्लिमों के उत्थान के लिए कोई ऐसा कदम नहीं उठाया जिससे उनकी समस्याएं दूर हों। मोदी सरकार का कहना है कि मुस्लिम समुदाय की तमाम समस्याओं को सुलझाया जाएगा। ऐसे में ‘प्रगतिशील पंचायत’ के जरिये देशभर में मुस्लिमों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी जाएंगी और उनका समाधान किया जाएगा।
दो दिन पहले ही मोदी ने केरल में भाजपा के राष्ट्रीय परिषद में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के हवाले से कहा था कि मुस्लिमों को तिरस्कृत या पुरस्कृत न करें बल्कि उन्हें परिष्कृत करें। इसे प्रधानमंत्री का संकेत मानकर सरकार ने पंचायतों का दौर शुरू करने का फैसला किया। हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार जैसे कुछ राज्यों में ऐसी पंचायतों के लिए क्षेत्र की पहचान कर ली गई है। उत्तर प्रदेश को लेकर फिलहाल किसी पंचायत को नहीं चुना गया है।