नई दिल्ली।
जम्मू-कश्मीर के हालात से निपटने के लिए मोदी सरकार ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है। हिंसाग्रस्त इलाकों में नई रणनीति तैयार की गई है। तीन सूत्री इस रणनीति के तहत आतंकियों के खिलाफ एक जोरदार अभियान चलाया जाएगा। सोशल मीडिया पर लगाम लगाई जाएगी और अलगाववादियों पर सख्ती बरती जाएगी।
उधर, जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में सोमवार को एक आतंकवादी मारा गया। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा बलों ने यहां आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद पुलवामा के बहमनू इलाके में तलाश अभियान चलाया था।
आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा में रुकावट डालने की भी शुरुआत कर दी है। सोमवार को अनंतनाग-पहलगाम रोड पर अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में लगी पुलिस पार्टी पर आतंकियों ने हमला कर दिया जिसमें एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया। उधर, पुलवामा जिले में आतंकियों से सीआरपीएफ और पुलिस की मुठभेड़ में अब तक दो आतंकी ढेर कर दिए गए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षाबलों को आतंकवादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद सुरक्षबलों ने भी कमर कस ली और आतंकवादियों के खिलाफ आक्रामक मुहिम छेड़ने का निर्णय किया है। दक्षिण कश्मीर में सक्रिय लश्कर और हिज्बुल जैसे संगठनों में जो युवा शामिल हो रहे हैं, उनको रोकने के लिए सेना प्रतिबद्ध है।
सेना अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जैसे दक्षिण कश्मीर के जिलों में आतंकियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन क्लीन अप’ छेड़ेगी। साथ ही सोशल मीडिया पर घाटी में हिंसा भड़काने वाली पोस्ट करने वालों पर भी सेना कड़ी नजर रख रही है। इसमें कई पूर्व सरकारी कर्मचारी और बड़े ओहदेदार भी शामिल हैं। सीआईडी की स्पेशल ब्रांच ने ऐसे बीस लोगों की लिस्ट तैयार की है जिसमें हाई कोर्ट के एक पूर्व जज भी शामिल हैं।
आतंकियों के जनाजे में उमड़ने वाली भीड़ से भी खुफिया एजेंसियां काफी परेशान हैं। सरकार से कहा गया है कि वह सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर पाबंदी लगाए। इसके साथ ही अलगाववादी नेताओं पर भी सख्ती करने की तैयारी कर ली गई है। हुर्रियत के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारुख के सिक्योरिटी इंचार्ज रहे डीएसपी फहीम अली को हटा दिया गया है। वह करीब 10 सालों से फारुख के साथ रहे।