नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में फर्जी वकीलों की भरमार है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि 20 हजार से ज्यादा फर्जी वकील राजधानी की अदालतों में प्रैक्टिस कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वकीलों की जांच के दौरान कई चौंकाने वाले डिटेल्स सामने आए हैं।
जांच में पता चला है कि दिल्ली में 55 हजार वकील रजिस्टर्ड है। इनमें से 20 हजार वकील ऐसे हैं जो किसी भी मुकदमों में एक्टिव पार्टिसिपेशन नहीं करते। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चैयरमेन मनन मिश्रा के मुताबिक वकीलों को प्रैक्टिस के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। बार काउंसिल यह सर्टिफिकेट डिग्री और डॉक्यूमेंट के वेरिफिकेशन के बाद जारी करता है। मिश्रा के मुताबिक दिल्ली में वकीलों के वेरिफिकेशन प्रक्रिया चल रही है लेकिन ज्यादातर वकील इसके खिलाफ हैं क्योंकि उनके पास फर्जी सर्टिफिकेट हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर करवाई जा रही इस जांच से लीगल सिस्टम को मजबूती मिलेगी। दिल्ली डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की को-ऑर्डिनेशन कमेटी के चीफ रहे आर. आर. वाधवा ने सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट्स के वेरिफिकेशन ऑर्डर का सपोर्ट किया है। उन्होंने कहा है कि वकीलों की जांच के लिए अपनाया गया यह एक सही कदम है।
फर्जी वकीलों पर लगेगी लगाम
– वकीलों का वेरिफिकेशन किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपनी सभी राज्य इकाई को वेरिफिकेशन करने को कहा है।
– इसके तहत नई गाइड लाइन के मुताबिक दिल्ली में सभी रजिस्टर्ड वकीलों की डिग्री की जांच की जा रही है।
– जांच के बाद रजिस्टर्ड वकीलों को प्रैक्टिस सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
– नई गाइड लाइन के मुताबिक केवल वही वकील अदालत में प्रैक्टिस कर सकेंगे जिनके पास बार काउंसिल ऑफ इंडिया का सर्टिफिकेट होगा।
पहली बार हो रहा है वेरिफिकेशन
– बार काउंसिल ऑफ इंडिया का गठन 1961 में हुआ था। लेकिन अब तक वकीलों के वेरिफिकेशन को लेकर कोई भी प्रक्रिया काउंसिल ने नहीं चलाई।
– एक अनुमान के मुताबिक देश में 20 लाख वकील मौजूद हैं। हालांकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चैयरमेन मिश्रा साफ करते हैं कि इसका कोई रजिस्टर्ड डाटा या रिकॉर्ड नहीं है।
– मिश्रा का कहना है वकीलों के वेरिफिकेशन की यह प्रक्रिया फर्जी वकीलों की पहचान करने और उन्हें हटाए जाने में काफी मदद करेगी।
वकीलों के सभी सर्टिफिकेट होंगे वेरिफाई
– बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) सर्टिफिकेट एंड प्लेस ऑफ प्रेक्टिस वेरिफिकेशन रूल 2015 के तहत सभी वकीलों के लिए यह जरुरी होगा कि वे नए नियमों के हिसाब से खुद को फिर से रजिस्टर्ड कराएं।
– इसके लिए उन्हें दसवीं क्लास से लेकर बाद के सभी सर्टिफिकेट देने होंगे।
– इन सभी सर्टिफिकेट को संबंधित बोर्ड और यूनिवर्सिटी से वेरिफाई कराया जाएगा।
– इसके बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) एक सर्टिफिकेट जारी करेगी।