देब दुलाल पहाड़ी।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात की। इस मौके पर यूनाइटेड अरब अमीरात का प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था। प्रधानमंत्री की अगुवाई में आयोजित बैठक में मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों को चर्चा के लिए बुलाया गया था। यूएई के साथ इन राज्यों में व्यापार की संभावनाओं पर विचार किया गया।
बैठक में मध्यप्रदेश की ओर से प्रजेंटेशन देकर प्रदेश में उद्योग, कृषि और व्यापार की संभावनाओं पर चर्चा की गई, जिसके जरिये निर्यात की संभावनाओं को तलाशा गया। इस संदर्भ में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विस्तार से जानकारी दी, जो इस प्रकार है।
कई वर्षों से प्रदेश की कृषि उत्पादन दर 20 प्रतिशत से अधिक रही है। खासकर शरबती गेहूं, दालें और मसालों का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। उद्यानिकी के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश ने कीर्तिमान स्थापित किया है। यूएई से हमारे देश के बेहतर संबंध रहे हैं और इसी को बढ़ाने की कड़ी में यह बैठक आयोजित की गई। प्रदेश सरकार ने कृषि निर्यात प्रमोशन एजेंसी बनाई है जो प्रदेश के उत्पादों को अन्य देशों में निर्यात की संभावनाएं तलाशेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने एक टास्क फोर्स गठित की है जिसमें राज्य सरकार और यूएई के पांच-पांच सदस्य होंगे।
टास्क फोर्स के जरिये प्रदेश भर में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, जिनके जरिये निर्यात किए जाने वाले उत्पादों की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। इसके साथ ही यूएई के एक कांट्रेक्ट फार्मिंग पर करारनामा तैयार किया गया है। इसके तहत किसान अपने उत्पाद को मण्डी के बाहर भी सीधा विदेशों में निर्यात कर सकेगा। राज्य सरकार ने इंदौर के पास विशेष निर्यात जोन (एसईजेड) खोलने का प्रस्ताव दिया है जिसमें विभिन्न प्रकार के करों में छूट दी जाएगी।
राज्य सरकार की खाद्य प्रसंस्करण नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है जिसके तहत किसान खाद्य प्रसंस्करण यूनिट खोल सकेंगे और अपने उत्पादों का निर्यात कर मुनाफा कमा सकेंगे। अगले 28 मई से 9 जून तक प्रदेश के विभिन्न अंचलों में किसानों की कार्यशाला आयोजित की जाएगी ताकि किसानों को इन योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी मिल सके और वे इसका पूरा फायदा उठा सकें।