लखनऊ। किसको ये खबर है कि कबीले का क्या हुआ, सब इसपे लड़ रहे हैं कि सरदार कौन है। यही हालत है समाजवादी पार्टी की। पार्टी पर उत्तराधिकार की लड़ाई चरम पर है। तभी तो सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के एक भाई ने दूसरे भाई को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने रामगोपाल यादव पर तमाम पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया है।
सूत्रों की मानें तो रामगोपाल पर कार्रवाई से सीएम अखिलेश यादव और नाराज हो गए हैं और वह लगातार रामगोपाल के संपर्क में हैं। अखिलेश गुट भी अपने लोगों पर हो रही कार्रवाई का जवाब देने की तैयारी में है और एक-दो दिन में तैयारी के साथ पलटवार किया जाएगा।
अखिलेश ने चाचा शिवपाल समेत 4 मंत्रियों को हटाया
सपा में मची घमासान पर मुलायम सिंह यादव ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने पार्टी के मौजूदा हालात पर भावुक होते हुए चिंता जताई। नाराजगी जाहिर करते हुए मुलायम ने कहा कि जब मैं रामगोपाल से मिलना चाह रहा था तो वह वक्त देकर कहीं और चले गए। अपने आवास पर हुई इस बैठक में अखिलेश द्वारा निकाले गए लोगों को देखकर मुलायम ने मजाक में कहा कि क्या ये शहीदों की बैठक हो गई?
मुलायम ने 5 नवंबर को पार्टी के रजत जयंती कार्यक्रम को लेकर चल रही तैयारियों की जानकारी ली। रविवार को हुई बैठक के बारे में मुलायम सिंह ने कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि आज कुछ नहीं कहूंगा, कल बैठक के बाद बोलूंगा, जो पूछना है पूछ लेना। मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को लखनऊ स्थित पार्टी दफ्तर में बड़ी बैठक बुलाई है। बैठक में सभी मंत्री, विधायक, सांसद, एमएलसी, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और ब्लॉक प्रमुख शामिल होंगे। बैठक में अखिलेश यादव भी शामिल होने के लिए पहुंचेंगे।
दरअसल, रविवार सुबह से सपा में एक-दूसरे को बाहर निकालने की कार्रवाई जारी है। सबसे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सरकारी आवास पर विधायकों की बैठक बुलाई। बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए शिवपाल समेत 4 मंत्रियों को कैबिनेट से हटा दिया। शिवपाल के अलावा मंत्रिमंडल से नारद राय, ओम प्रकाश सिंह और शादाब फातिमा को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। अखिलेश ने अमर सिंह की करीबी जया प्रदा को यूपी फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल से भी हटा दिया है। इसके अलावा अखिलेश ने बैठक में कहा कि जो भी अमर सिंह के साथ है, उसे हटाया जाएगा।
रामगोपाल ने फोड़ा ‘चिट्ठी बम‘
इससे पहले रविवार को ही रामगोपाल यादव ने कार्यकर्ताओं को चिट्ठी लिखकर अखिलेश विरोधियों पर निशाना साधा था। चिट्ठी में लिखा था कि सुलह की कोशिश अखिलेश की यात्रा रोकने की साजिश है। कार्यकर्ता अखिलेश के साथ जुटें। अखिलेश विरोधी विधानसभा नहीं पहुंच पाएंगे। अखिलेश की यात्रा विरोधियों के गले की फांस बन गई है। मध्यस्थता करने वाले दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। जहां अखिलेश हैं, जीत वहीं है।