वीरेंद्र नाथ भट्ट।
मुंबई महानगर पालिका के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की अप्रत्याशित विजय से उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है। दोनों दलों के नेता आशंकित हैं कि पश्चिमी समुद्री किनारे से चली पछुवा हवा का उत्तर प्रदेश विधान सभा के चुनाव पर असर पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव को चौथा चरण पूरा हो गया है यानी प्रदेश विधान सभा की कुल 403 सीटों में 262 सीटों का चुनाव पूरा हो गया और बाकी तीन चरणों में 141 सीटों पर मतदान शेष है। सुल्तानपुर और फैजाबाद जिले को छोड़ कर सभी सीटें उस क्षेत्र की हैं जिसे पूर्वांचल के नाम से जाना जाता है।
पूर्वांचल की बड़ी आबादी मुंबई में रहती है और चुनाव के दौरान भारी तादाद में लोग वोट डालने के लिए गांव लौटते हैं। इस बार तो होली भी है तो और भी बड़ी तादाद में मुंबई की प्रवासी आबादी के घर आने के संभावना है। होली 13 मार्च को है और अंतिम दो चरणों का मतदान 4 मार्च और 8 मार्च को होना है। 11 मार्च को मतों की गिनती होगी।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि हमारे लिए यह समझना मुश्किल हो रहा है की उत्तर प्रदेश की हवा का असर मुंबई पर पड़ा या मुंबई से उठी हवा का असर उत्तर प्रदेश पर पड़ेगा। महाराष्ट्र नगर निकाय के चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद लखनऊ में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सन्नाटा छा गया।
दो माह के अंतराल में कांग्रेस के लिए यह तीसरा बड़ा झटका है। पहले चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। उसके बाद ओडिशा जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने बीजू जनता दल के साथ कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया और अब मुंबई समेत महाराष्ट्र के दस बड़े नगरों में भाजपा की अप्रत्याशित सफलता ने कांग्रेस की परेशानी बढ़ा दी है।
मुंबई की राजनीति का पूर्वांचल से गहरा संबंध है। मुंबई में कांग्रेस के एक बड़े नेता कृपा शंकर सिंह जौनपुर के हैं। मिर्जापुर से वर्तमान विधायक और समाजवादी पार्टी के उमीदवार रमेश दुबे मुंबई की राजनीति में सक्रिय रह चुके हैं। पूर्वांचल के नेता महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।