नई दिल्ली।
भारतीय सेना ने म्यांमार बॉर्डर पर एक आतंकवादी कैंप को नष्ट कर दिया है। उधर, भारत-म्यांमार सीमा पर सेना को बड़ी कामयाबी मिली है। विशेष बल के जवानों ने अरुणाचल प्रदेश के लॉन्गडिंग जिले में ऑपरेशन के दौरान नगा आतंकी संगठन एनएससीएन (के) का एक आतंकी मारा गया है। ऑपरेशन में सेना का एक जवान भी घायल हो गया।
खुफिया सूचनाओं के आधार पर सेना को इस कैंप की जानकारी बहुत पहले हो गई थी और यह ऑपरेशन 2-3 दिन से एक्टिव था। हालांकि सेना ने सोमवार सुबह 7:30 बजे कैंप पर हमला बोला। इस कार्रवाई में सेना के 21 पैरा (एसएफ) के जवान शामिल हैं।
यह क्रॉस बॉर्डर अटैक नहीं था और सेना ने भारतीय सीमा में रहते हुए म्यांमार बॉर्डर पर स्थित इस कैंप को तबाह कर दिया। कैंप पर हमले के बाद कई आतंकी भाग गए। सेना ने 1 एके56 और 200 गोलियां बरामद की है। जून 2015 में भी 21 यूनिट के करीब 70 कमांडरों के एक दल ने म्यांमार सीमा पर रात के अंधियारे में लक्ष्य पर किए गए सटीक हमले में एनएससीएन (के) और केवाईकेएल उग्रवादी समूहों के 38 विद्रोहियों को मार गिराया था।
माना जाता है कि एनएसीएन (के) और केवाईकेएल दोनों समूह ही चार जून 2015 को घात लगाकर किए गए भीषण हमले के लिए जिम्मेदार थे, जिनमें 18 सैनिक मारे गए और 11 अन्य घायल हो गए थे। शिविर पर हमला करना और नष्ट करने का अभियान 40 मिनट चला था। कमांडो ने मुठभेड़ में न सिर्फ शिविर में मौजूद लोगों को मार गिराया, बल्कि रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल भी किया गया और एक शिविर में आग लगा दी गई थी।
पीएम जा रहे हैं म्यांमार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी म्यांमार के तीन शहरों का दौरा करेंगे। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत म्यांमार के साथ अपने रणनीतिक और औद्योगिक संबंध बढ़ाने में जुटा हुआ है। वहीं, चीन के साथ म्यांमार की बेरुखी बढ़ती जा रही है। ऐसे में डोकलाम का तो भारत-चीन ने कूटनीतिक हल निकाल लिया है, लेकिन ये दोनों देश एक बार फिर सामने आ सकते हैं। इस बार वजह बन सकता है म्यांमार।
ऑपरेशन के बाद आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि ये एक नियमित ऑपरेशन है। ऐसे ऑपरेशन रोजाना होते हैं। जून 2015 में भी भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा में दो किलोमीटर अंदर घुसकर उग्रवादियों के दो कैंप नेस्तनाबूद कर डाले थे। 21 पैरा (एसएफ) के करीब 70 कमांडरों के एक दल ने म्यांमार सीमा पर कई उग्रवादियों को मार गिराया था। यह अभियान दो स्थानों पर नगालैंड और मणिपुर सीमा पर म्यांमार क्षेत्र के अंदर किया गया था।