नगालैंड में स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के विरोध में पिछले कुछ दिनों से चल रहा प्रदर्शन गुरुवार को हिंसक हो गया था हालांकि ताजा खबर में कहा जा रहा है कि मामला कंट्रोल में है। दरअसल,, प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को सरकारी दफ्तरों और गाड़ियों में आग लगा दी थी। इस दौरान कोहिमा के कई इलाकों में हिंसा की गई। हालात पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार को आर्मी को बुलानी पड़ी थी। गुरुवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग तक मार्च निकाला। प्रदर्शनकारी सीएम टीआर जेलियांग और उनकी कैबिनेट के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। इस दौरान सीएम के निजी घर, म्युनिसिपल कॉरपोरेशन और डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर के दफ्तर में आग लगा दी गई थी।
मोबाइल इंटरनेट को बैन कर दिया गया है और कुछ इलाक़ों में धारा 144 लगा दी गई है। कोहिमा और दीमापुर अभी भी बंद है।
बता दें कि 1 फरवरी को नगालैंड में बंद का आयोजन किया गया था। इससे पहले 31 जनवरी को दीमापुर में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प के दौरान पुलिस फायरिंग में 2 युवक मारे गए। कुछ लोग घायल भी हुए। बुधवार शाम उनकी बॉडी कोहिमा लाई गई, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। प्रदर्शनकारी बॉडी लेकर सीएम टीआर जेलिआंग के रेजिडेंस के सामने मार्च निकालने की मांग कर रहे थे।