ओपिनियन पोस्ट
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे नरेश अग्रवाल ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। नरेश अग्रवाल एसपी की ओर से राज्यसभा ना भेजे जाने से नाराज थे। नरेश अग्रवाल ने आज औपचारिक रूप से बीजेपी हेडक्वार्टर में सदस्यता ग्रहण की। बता दें कि समाजवादी पार्टी ने नरेश अग्रवाल की जगह जया बच्चन को राज्यसभा भेजने का फैसला किया। नरेश अग्रवाल इसी बात से नाराज थे।
बीजेपी में शामिल होने पर नरेश अग्रवाल ने कहा, ”आज बीजेपी में शामिल हो रहा हूं। जब तक राष्ट्रीय पार्टी में शामिल नहीं होंगे राष्ट्र की समस्या हल नहीं हो सकती।”
उन्होंने कहा, ”मैं मुलायम और रामगोपाल के साथ कभी नही छोडूंगा, मैं उनके साथ हूं। फ़िल्म में डांस करने वाली के नाम पर मेरा टिकिट काटा गया।” उन्होंने कहा, ”मेरा बेटा विधायक है और राज्यसभा में बीजेपी के प्रत्याशी को वोट देगा। मोदी अमित शाह को धन्यवाद।”
इस साल समाजवादी पार्टी के छह सांसद किरणमय नंदा, दर्शन सिंह यादव, नरेश अग्रवाल, जया बच्चन, मुनव्वर सलीम और आलोक तिवारी रिटायर हो रहे हैं। विधानसभा के गणित के मुताबिक समाजवादी पार्टी सिर्फ एक को ही दोबारा राज्यसभा भेज सकती है।
बता दें कि नरेश अग्रवाल यूपी के हरदोई जिले के रहने वाले हैं। एसपी में आने से पहले वो मायावती की पार्टी बीएसपी में रह चुके हैं। नरेश अग्रवाल को जोड़तोड़ की राजनीति का माहिर माना जाता है।
राजनीति में कई नावों की सवारी कर चुके हैं नरेश अग्रवाल
नरेश अग्रवाल नें अपनी राजनीतिक पारी 1980 में कांग्रेस से शुरु की थी। इसके बाद दल बदलने का और जिसकी सत्ता हो उसके करीब रहने का इतिहास रहा है। कांग्रेस छोड़कर लोकतांत्रिक कांग्रेस बनाई और बीजेपी की कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह की सरकार में मंत्री बने थे।
2002 में मुलायम सिंह की सरकार में शामिल हुए और फिर मुलायम की सत्ता जाते ही बीएसपी का दामन थाम लिया था। 2007 में चुनाव सपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ा लेकिन मायावती की सरकार आते ही वो बीएसपी में शामिल हो गए।
2012 में सपा की अखिलेश सरकार के आते ही वो वापस सपा मे आए और राज्यसभा पहुंच गए। अब सपा की सरकार 2017 में चली गई और राज्यसभा नहीं मिला तो बीजेपी में शामिल हुए।