नई दिल्ली। भाजपा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने और आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद कहा, मैंने पीएम के कहने पर पंजाब के विकास के लिए राज्यसभा का नामांकन स्वीकार किया था। पंजाब के विकास के सारे रास्ते बंद होने के बाद मेरे लिए अब यह बोझ बन गया था और मैंने इस बोझ को न ढोने का फैसला किया है। सही और गलत की जंग में आप तटस्थ नहीं हो सकते। मेरे लिए पंजाब का हित सर्वोपरि है।
उधर, आम आदमी पार्टी के बड़े नेता संजय सिंह ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने भाजपा की राज्य सभा सदस्यता से इस्तीफा देकर साहसिक कदम उठाया है। उनके फैसले का स्वागत करता हूं। इस घटनाक्रम से कांग्रेस को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है। भाजपा की अंदरूनी लड़ाई पर कांग्रेस चुटकी ले रही है। क्रिकेटर से राजनीति में आए सिद्धू पंजाब में भाजपा का बड़ा चेहरा रहे हैं और हाल ही में भाजपा ने उन्हें राज्सभा में मनोनीत किया था। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धू के इस कदम को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
क्रिकेट के ‘सिक्सर सिद्धू’
सिद्धू का क्रिकेट करियर 1983 में शुरू हुआ था, लेकिन उनको पहचान 1987 वर्ल्ड कप से मिली। इसी वर्ल्ड कप में सिद्धू ने वनडे में डेब्यू किया और पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 73 रन की पारी खेली थी। खास बात यह रही कि इस टूर्नामेंट के पहले पांच मैचों में चार में उन्होंने फिफ्टी बनाई थीं। उनका करियर 1999 तक चला। टीम इंडिया की ओर से सिद्धू ने 51 टेस्ट मैच खेले और 42.13 के औसत से 3202 रन बनाए, वहीं 136 वनडे में उनके बल्ले से 37.08 के औसत से 4413 रन निकले। वनडे में उनके नाम 6 और टेस्ट में 9 शतक हैं।
सिद्धू छक्के मारने के लिए मशहूर थे। उन्होंने साल 1987 के वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले ही मैच में 79 बॉल में 73 रन बनाए, जिसमें उनके 5 छक्के शामिल थे। उनकी बल्लेबाजी से शेन वार्न, जॉन एंबुरी जैसे स्पिनर भी खौफ खाते थे। यहां तक कि एक दौर में तो सिद्धू के आउट होने तक विरोधी कप्तान स्पिनर को बॉलिंग में ही नहीं लगाते थे। उनकी छक्का लगाने की काबिलियत देखकर उनके फैन्स ने उन्हें ‘सिक्सर सिद्धू’ कहना शुरू कर दिया।
जुमले भी लाजवाब
सिद्धू अपने छक्कों के लिए जितने मशहूर रहे, उससे कहीं ज्यादा इन दिनों अपने जुमलों के लिए मशहूर हैं। वे जो जुमले उछालते हैं वे अधिकतर सोशल मीडिया पर छा जाते हैं। उनके कुछ मशहूर जुमले हैं- ‘अगर मेरी चाची की मूंछे होतीं तो मैं उसे चाचा न कहता’, ‘बिना अंडे फोड़े आप ऑमलेट नहीं बना सकते’, ‘ठोको ताली’।