अजय विद्युत
भाजपा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू के राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के अगले ही दिन 19 जुलाई को उनकी पत्नी और पंजाब में भाजपा एमएलए नवजोत कौर सिद्धू ने प्रेस के सामने आकर दो महत्वपूर्ण बातें कही थीं। एक- अगर सिद्धू ने संसदीय सीट छोड़ दी है तो इसका साफ मतलब समझा जाना चाहिए कि उन्होंने भाजपा भी छोड़ दी है। और दो- जहां सिद्धू जाएंगे, मैं वहीं आऊंगी।
अमृतसर में भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता तब अचम्भे में पड़ गए जब नवजोत कौर सिद्धू भाजपा की तिरंगा यात्रा को अपना समर्थन देने पहुंची और समारोह में जोरशोर से हिस्सेदारी की। ‘जहां सिद्धू जाएंगे, मैं वहीं आऊंगी’ कहने वाली नवजोत कौर सिद्धू की इस ‘गुगली’ ने बड़े बड़ों को अचरज में डाल दिया है कि मैंने भाजपा से इस्तीफा नहीं दिया और और अपने क्षेत्र में काम कर रही हूं।
कयासबाज मिसेज सिद्धू की भाजपा के कार्यक्रमों में जोशपूर्ण भागीदारी से यह आशय खंगालने में जुटे हैं कि देरसबेर नवजोत सिंह सिद्धू भी भाजपा में लौट सकते हैं। जो कि अभी कहीं नहीं हैं। आम आदमी पार्टी से उनकी सेटिंग बहुत चर्चा में रही लेकिन सिरे चढ़ते नहीं दिख रही।
आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सिद्धू को लेकर ट्वीट श्रृंखला का तीसरा और आखिरी ट्वीट काफी चौंकाने और राजनीतिक सनसनी फैलाने वाला रहा। उन्होंने कहा, ‘सिद्धू चाहे आप में रहें या कहीं और, उनके प्रति हमारे दिल में सम्मान हमेशा रहेगा’। इसका विश्लेषक यह मतलब निकाल रहे हैं कि आप से सिद्धू की सौदेबाजी नहीं हो पाई है और बातचीत टूट गई है। कहा जाता है कि सिद्धू आप से अपने लिए मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के अलावा पत्नी के लिए भी आकर्षक आॅफर चाहते थे। संभवत: इतनी बड़ी कीमत पर सिद्धू को खरीदना आप के लिए संभव नहीं हुआ।
नवजोत कौर वैसे भी भाजपा में ही हैं और विधायक भी हैं। हालांकि वे पार्टी के बारे में काफी कडुवे वचन बोल चुकी हैं और कुछ समय पार्टी कार्यक्रमों में नदारद भी रहीं, लेकिन हाल में अचानक पार्टी के कार्यक्रम तिरंगा यात्रा में उन्होंने जोरशोर से हिस्सेदारी की। यही नहीं, जालंधर में पंजाब आरएसएस के उप प्रमुख को गोली लगने के बाद सबसे पहले देखने जाने वाले भाजपा नेताओं में वह भी शामिल थीं।
इससे भी यह संदेश गया है कि सिद्धू दंपती के भाजपा में बने रहने के आसार फिलहाल सिरे से खारिज नहीं किए जा सकते। इस बीच पंजाब भाजपा अध्यक्ष विजय सांपला ने फिर कहा है कि ‘हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्यसभा की सदस्यता छोड़ दी है लेकिन उनका पार्टी से इस्तीफा उन्हें अभी तक नहीं मिला है।’ सांपला ने तो राजनीतिक दुविधा को एक और कोण देते हुए यह भी कह दिया कि वह सिद्धू के भाजपा छोड़ने की कल्पना भी नहीं कर सकते।
उधर सिद्धू ‘कहां’ हैं, शायद ही किसी को पता हो। हां, अपनी वेबसाइट पर वह आज भी भाजपा नेता बने हुए हैं। इससे भी लगता है कि अंदरखाने भाजपा के साथ बिगड़ी बात बनाने की जुगत शायद अभी जारी है। कुछ केंद्रीय मंत्रियों से सिद्धू का संपर्क बना हुआ है। हालांकि इसकी पुष्टि करने को भाजपा का कोई बड़ा नेता तैयार नहीं है।