छत्तीसगढ़ के सुकमा में 25 सीआरपीएफ जवानों पर नक्सलियों के हमले के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने घटना की निंदा की है। गृहमंत्री रायपुर पहुंचे, उन्होंने सुकमा हमले में शहीद हुए 25 जवानों को श्रद्धांजलि दी।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सुकमा में जो हमला किया गया है वह बेहद कायरतापूर्ण है, आदिवासियों को अपनी ढाल बनाकर विकास के खिलाफ जो अभियान छेड़ा जा रहा है इसमें नक्सली कभी कामयाब नहीं होंगे। केंद्र और राज्य साथ मिलकर इस पर कार्रवाई करेंगे।
गृहमंत्री ने कहा की हम अपने जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे, इसे हमने चुनौती के रूप में स्वीकार किया है। यह एक सोची समझी हत्या है।
राजनाथ ने कहा कि नक्सली नहीं चाहते हैं कि आदिवासी क्षेत्र का विकास हो। जवानों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए राजनाथ बोले- अब तक नक्सलियों के खिलाफ जो कार्रवाई चल रही है उसकी समीक्षा की जाएगी।उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर रणनीति में बदलाव किया जाएगा। राजनाथ ने नक्सल प्रभावित राज्यों की रिव्यू बैठक 8 मई को दिल्ली में बुलाई है जिसमें नक्सलियों के खिलाफ आगामी रणनीति तय की जाएगी।
We have decided to revise our LWE strategy if need be,have called a meeting of officials of various state govts on May 8th: HM Rajnath Singh pic.twitter.com/Y2kX7v73NY
— ANI (@ANI) April 25, 2017
छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने CRPF जवानों पर हमला कर दिया। इस हमले में 25 जवान शहीद हो गए वहीं 6 जवानों के जख्मी होने की खबर है। खबरों के मुताबिक ये हमला उस वक्त हुआ जब CRPF की 74वीं बटालियन गश्त के लिए निकली थी। चिंतागुफा इलाके के बुरकापाल में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी।
2010 से अब तक करीब 6 बड़े नक्सली हमलों में करीब 200 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं।
यह हो सकता है कारण-
माना जाता है कि नक्सली विकास के कामों को आगे नहीं बढ़ना देना चाहते। नक्सलियों को सबसे ज्यादा परेशानी सड़क निर्माण से होती है, क्योंकि जैसे ही सड़क बनती है, जहां लोगों का जुड़ाव शहर से हो जाता है वहीं प्रशासन के लिए भी दूर दराज़ के इलाकों में पहुंचना आसान हो जाता है। इसके साथ ही किसी भी हालात से निपटने के लिए सुरक्षाबलों को भेजना आसान होता है। इसलिए नक्सलियों का पहला निशाना सड़क निर्माण के काम को रोकना होता है और यही सुकमा में देखने को मिला।