सुनील वर्मा
भ्रष्टाचार से परहेज करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार भ्रष्टाचार का हवाला देकर लालू प्रसाद यादव के साथ महागठबंधन तोड़ दिया था और बीजेपी के साथ बिहार में दोबारा सरकार बनाई। लेकिन नीतीश कुमार की नई नवेली कैबिनेट की छवि भी कुछ खास साफ-सुथरी नहीं है। राजनीतिक दलों की चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखने वाली संस्था वाचडॉग द्वारा जारी आंकड़ों पर नजर डाले तो नीतीश कुमार की कैबिनेट में 76 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। एसोशिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म यानि एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश कुमार की नई कैबिनेट के 29 में से 22 मंत्री यानि 76 फीसदी मंत्री आपराधिक मामलों में आरोपी हैं।
दिलचस्प बात यह है कि नीतीश कुमार की लालू यादव के साथ महागठबंधन वाली कैबिनेट में 19 मंत्री यानी 68 फीसदी मंत्री ही आरोपी थे। यानि नई कैबीनेट में पहले से भी ज्यादा दागी मंत्री शामिल हैं। नीतीश कुमार के इस नए कैबिनेट के 22 दागी मंत्रियों में से 9 मंत्रियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों का जिक्र किया है। इतना ही नहीं जेडीयू से नीतीश कैबिनेट के दो मंत्रियों के खिलाफ हत्या की कोशिश में धारा 307 के तहत मामले दर्ज हैं। कई मंत्रियों के खिलाफ डकैती, चोरी, धोखाधड़ी, और महिलाओं के खिलाफ हिंसा जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं।
नीतीश की कैबिनेट में 21 मंत्री यानी लगभग 72 फ़ीसदी मंत्री करोड़पति हैं जबकि पिछली सरकार में 22 यानी लगभग 79 फीसदी मंत्री करोड़ पति थे। चुनाव आयोग में दाखिल किए गए हलफनामे के मुताबिक नीतीश कुमार के कुल मंत्रियों की औसत संपत्ति लगभग 2.46 करोड़ है।
नीतीश की कैबिनेट में मंत्री और लखीसराय से बीजेपी के करोड़पति विधायक की कुल संपत्ति साढ़े पंद्रह करोड़ है। वहीं मुजफ्फरपुर से बीजेपी विधायक और नीतीश कैबिनेट में मंत्री सुरेश कुमार ने अपनी कुल संपत्ति 11 करोड़ बताई है। मुंगेर से जेडीयू विधायक राजीव रंजन सिंह की कुल संपत्ति 5 करोड़ दर्ज है। लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव ने नीतिश के नए कैबीनेट में दागियाें की भरमार पर सवाल उठाए है।