ओपिनयन पोस्ट ब्यूरो
नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री)- मृतक के आश्रितों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।
योगी आदित्यनाथ (यूपी के मुख्यमंत्री)- मृतक श्रमिकों के घर वालों को 2-2 लाख रुपये, हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 50-50 हजार रुपये और मामूली रूप से घायल हुए श्रमिकों को 25-25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही घायलों के इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
आरके सिंह (केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री)- मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 10-10 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल हुए श्रमिकों को केंद्र सरकार की ओर से 2-2 लाख रुपये दिए जाएंगे।
आरएस राठी (एनटीपीसी के आंचलिक प्रशासनिक अधिकारी)- मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद एनटीपीसी की ओर से दी जाएगी।
मुआवजे के ये ऐलान ऊंचाहार के एनटीपीसी प्लांट हादसे के पीड़ितों के लिए किए गए हैं। इन्हें देखकर एकबारगी तो लगता है कि इस दर्दनाक हादसे की भयावहता को देखते हुए ही मुआवजे की झड़ी लग गई है। मगर सवाल यह है कि कहीं लापरवाही छुपाने के लिए ही तो मुआवजों की झड़ी नहीं लगी है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि इस प्लांट में काम करने वाले कुछ इंजीनियरों, कर्मचारियों और मजदूर संगठनों ने आरोप लगाया है कि जिस यूनिट (छठा) में यह हादसा हुआ है उसकी कमीशनिंग तीन साल में होने वाली थी लेकिन मुख्य महाप्रबंधक की महत्वाकांक्षा के चलते उसे समय से छह महीने पहले ढाई साल में ही शुरू कर दिया गया। जल्दबाजी के चक्कर में ही सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई।
नाम न छापने की शर्त पर प्लांट के एक इंजिनियर ने मीडिया को बताया कि वहां कई अनियमितताएं थीं। यह यूनिट सही तरीके से कमीशन नहीं हुई थी। इसके अलावा बॉयलर के लिए जरूरी सुरक्षा प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं किया गया था। 3 साल के प्रोजेक्ट को 2.5 साल में पूरा करवाने के चक्कर में इतना बड़ा हादसा हुआ है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी लापरवाही की आशंका जताते हुए कहा कि हादसे की न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। तीन साल में प्लांट बनना था, ढाई साल में स्टार्ट करने की क्या जल्दी थी? हालांकि केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह ने किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिया है। मेरा तो यह आकलन है कि यह दुर्घटना ही है, कोई मानवीय लापरवाही या भूल नहीं है।
उन्होंने कहा कि अब हमारी प्राथमिकता घायल तथा गंभीर रूप से घायलों को किसी भी कीमत पर बचाने की है। हमें इसके लिए देश के किसी भी बड़े अस्पताल की मदद लेनी होगी तो लेंगे। हमने लखनऊ में दो-दो एयर एम्बुलेंस लगा रखे हैं। इसके साथ ही आधुनिक सुविधा वाली एम्बुलेंस भी लखनऊ के साथ ही रायबरेली के भी अस्पतालों में लगी हैं।
आरके सिंह ने कहा कि एनटीपीसी की ऊंचाहार यूनिट देश की सर्वश्रेष्ठ यूनिट है। यह अफवाह फैलाई जा रही है कि इस यूनिट पर लोड अधिक था, उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा था। यह बड़ा हादसा कोई मानवीय भूल नहीं है। यह यूनिट बेहतर थी, हादसा कैसे हुआ जांच टीम यह निष्कर्ष निकालेगी। उन्होंने कहा कि इस हादसे की हमने जांच का आदेश दिया है। जांच रिपोर्ट 30 दिन में मिल जाएगी।