नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश में योगी युग की शुरुआत हो गई है। बीजेपी के फायरब्रांड लीडर और हिंदू हार्डलाइनर इमेज वाले योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने का फैसला 18 मार्च को भाजपा विधायक दल की बैठक में किया गया, जिसे लोगों की भावनाओं, आकांक्षाओं और इच्छाओं के अनुरूप माना जा रहा है।
इसप्रकार यूपी में सात दिन का सस्पेंस आखिर खत्म हो गया और योगी शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी।
योगी आदित्यनाथ (44) यूपी के अगले के सीएम होंगे। बीजेपी विधायक दल की लखनऊ में शनिवार शाम हुई बैठक में योगी के नाम पर मुहर लगी। वे यूपी के पहले और बीजेपी के दूसरे भगवाधारी सीएम होंगे। योगी से पहले उमा भारती एमपी की सीएम रह चुकी हैं। चुनाव नतीजे आने के बाद राजनाथ सिंह से लेकर मनोज सिन्हा, केशव प्रसाद मौर्य और सिद्धार्थनाथ सिंह सीएम पद की दौड़ में थे। लेकिन सात दिन में सभी दौड़ से बाहर हो गए।
एक पोल के जरिये यूपी के सीएम को लेकर उनकी पसंद के बारे में 1.5 लाख लोगों में 43% लोगों ने कहा था- आदित्यनाथ को यूपी का सीएम बनाया जाना चाहिए।
घटनाक्रम के अनुसार सायं 06:05 बजे बीजेपी विधायक दल ने योगी आदित्यनाथ को यूपी की सीएम पोस्ट के लिए चुना। इससे पहले सायं 06:00 बजे लोकभवन में बीजेपी विधायक दल की बैठक शुरू हुई थी। सायं 05:45 बजे मीडिया के सवालों पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बैठक खत्म होने तक इंतजार करें।
सायं 05:25 बजे वीवीआईपी गेस्ट हाउस में वेंकैया नायडू, योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के बीच अहम बैठक खत्म हुई। भूपेंद्र यादव, ओम माथुर और सुनील बंसल भी मीटिंग में शामिल थे। ये सभी लोकभवन की ओर रवाना हुए थे।