पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी और दामाद को 25 जुलाई के आम चुनाव तक जेल में ही रहना होगा। सजा को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई जुलाई के आखिरी सप्ताह तक टाल दी।
अदालत के इस फैसले से चुनाव से पहले जेल से बाहर आकर पार्टी के प्रचार अभियान को आगे बढ़ाने की शरीफ की उम्मीदों को झटका लगा है। शरीफ परिवार ने सोमवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में आए फैसले को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अदालत ने इस मामले में याचिकाओं पर फैसले से पहले सजा को रद्द करने से इनकार कर दिया।
बताते चलें कि इस्लामाबाद स्थित जवाबदेही अदालत ने नवाज शरीफ और मरियम को आय से अधिक संपत्ति मामले में क्रमश: 10 साल और सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा शरीफ के दामाद कैप्टन (सेवानिवृत्त) सफदर को एक साल की सजा सुनाई गई है। सफदर को पाक में एक रैली के दौरान जबकि शरीफ और उनकी 44 की बेटी मरियम को शुक्रवार को लंदन से वापस आने के दौरान लाहौर में हवाईअड्डे पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था।