पाकिस्‍तान ने निकाली खीझ, सेना सतर्क

नई दिल्‍ली। नियंत्रण रेखा के उस पार भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के महज चार दिन बाद रविवार को पाकिस्‍तान ने अपनी खीझ निकाली है। जम्मू कश्मीर के बारामूला में बीएसएफ और आस-पास के सैन्य शिविरों पर आतंकवादियों के हमले में बीएसफ का एक जवान शहीद हो गया और एक अन्य जवान घायल हो गया। जवाबी कार्रवाई में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया तो बाकी आतंकी डर कर भाग निकले।

उधर, भारत और पाकिस्तान के बीच अमृतसर के वाघा बॉर्डर पर हमारे बीएसएफ जवानों पर पाकिस्तानियों ने पत्थर फेंके। इंडियन कोस्ट गार्ड ने गुजरात के पोरबंदर के पास समुद्र में एक पाकिस्तानी बोट को पकड़ लिया। उसमें सवार 9 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पाकिस्तान के एक दैनिक समाचार पत्र ने दक्षेस सम्मेलन के रद्द होने के मद्देनजर पाकिस्तान की छवि ‘‘बदलने की तत्काल जरूरत’’ बताई है।

आतंकवादियों के हमले में घायल जवान को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। बीएसएफ के आईजी (कश्मीर) विकास चंद्रा ने बताया कि आतंकियों ने शिविर में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन जवानों की जवाबी कार्रवाई से वे भाग गए। इस बीच खबर है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने उच्चस्तरीय बैठक की है, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हैं। जम्मू कश्मीर तक पहुंच बनाने के केंद्र सरकार के प्रयासों के तहत गृह मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार से दो दिवसीय लेह और करगिल के दौरे पर रहेंगे। इस यात्रा के दौरान वह विभिन्न वर्गों के लोगों से बातचीत करेंगे।

अमृतसर से खबर है कि भारत और पाकिस्तान के बीच अमृतसर के वाघा बॉर्डर पर रविवार शाम हमारे बीएसएफ जवानों पर पाकिस्तानियों ने पत्थर फेंके, लेकिन जवानों को चोट नहीं आई है। बीएसएफ के अफसरों ने इस बारे में गहरी नाराजगी जताते हुए पाकिस्तानी रेंजर्स से फ्लैग मीटिंग की, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। बताया जा रहा है कि ये मीटिंग कल फिर होगी।

29 सितंबर को बीएसएफ ने अटारी-वाघा बॉर्डर पर ‘बीटिंग रिट्रीट’ सेरेमनी पहले कैंसल कर दी थी, लेकिन बाद में बिना पब्लिक के कराई। ‘बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी’ वाघा बार्डर पर हर शाम दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज उतारने का अवसर है। इसकी शुरुआत 1959 में हुई। उसके बाद से यह बिना रुके जारी है। 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान इसका आयोजन नहीं किया गया।

अहमदाबाद से खबर है कि कोस्ट गार्ड के शिप ‘समुद्र पावाक’ ने पाकिस्‍तान की एक बोट को देखा। गुजरात के डिफेंस डिपार्टमेंट के प्रवक्‍ता विंग कमांडर अभिषेक मतिमान ने बताया- “सुबह करीब 10 बजे कोस्ट गार्ड के शिप ‘समुद्र पावाक’ ने सबसे पहले इस बोट को देखा। शुरुआती जांच में पता चला कि पकड़े गए सभी शख्स पाकिस्तानी मछुआरे हैं। इन्हें पूछताछ के लिए पोरबंदर लाया गया है।”

 

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