देश में अगले साल से बिकने वाले सभी मोबाइल फोन में एक ‘पैनिक बटन’ होगा। यह बटन ऐसा होगा, जिसके जरिए किसी भी संकट की स्थिति में आसानी से पुलिस को बुलाया जा सकेगा । एक तरह से यह बटन इमरजेंसी कॉल करने का साधन होगा।
फोन में पांच और नौ नम्बर के बटन पैनिक बटन बनाने होंगे
अधिसूचना के अनुसार फोन निर्माताओं को फोन में पांच और नौ नम्बर के बटन पैनिक बटन बनाने होंगे। ये बटन दबाते ही संकट में फंसे मोबाइल धारक के पास पुलिस तत्काल पहुंच जाएगी। यही नहीं एक जनवरी 2018 से सभी मोबाइल में जीपीएस नैवीगेशन सिस्टम भी अनिवार्य कर दिया गया है। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2018 की शुरुआत से बिकने वाले सभी फोनो में जीपीएस नैवीगेशन सिस्टम बना बनाया होना चाहिए। इसी तरह स्मार्टफोन में भी इमरजेंसी कॉल बटन का प्रावधान करना अनिवार्य है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए उपयोगी
प्रसाद ने एक बयान में कहा, प्रौद्योगिकी का एकमात्र उद्देश्य मानव जीवन को बेहतर बनाना है और महिला सुरक्षा के लिए इसके इस्तेमाल से और बेहतर क्या होगा। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने मोबाइल में पैनिक बटन और जीपीएस अनिवार्य करने का फैसला लिया है। इससे महिला सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। आपात स्थिति में वे पैनिक बटन दबाकर पुलिस या अपने करीबी की मदद ले सकेंगी। पैनिक बटन को दबाने से कम से कम तीन नंबरों पर संकट में होने संबंधी संदेश तुरंत चला जाएगा। इसमें पुलिस या अपने करीबियों का नंबर डाला जा सकता है।
1 जनवरी 2017 से बिना पैनिक बटन की व्यवस्था वाला कोई मोबाइल फोन नहीं बिकेगा। वहीं 1 जनवरी 2018 से मोबाइल फोनों में बना बनाया जीपीएस भी होना चाहिए। इस बारे में एक अधिसूचना 22 अप्रैल को जारी की गई है। 1 जनवरी 2018 से सभी मोबाइल हैंडसेट में जीपीएस प्रणाली अनिवार्य की गई है।