नई दिल्ली। देश में 500 और 1000 रुपये के नोट अमान्य किए जाने के बाद देश में उत्पन्न हालात पर राज्यसभा और लोकसभा में तीसरे दिन भी हंगामा जारी रहा। इसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में चर्चा के दौरान बृहस्पतिवार को विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर शुक्रवार को उच्च सदन में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच टकराव हुआ और एक दूसरे से माफी की मांग को लेकर सदस्यों के हंगामे के चलते बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं लोकसभा में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही स्थगित करके नोटबंदी पर चर्चा कराने के विपक्षी सदस्यों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। वहीं सरकार ने कहा कि वह नियम 193 के तहत चर्चा के लिए तैयार है।
राज्यसभा की कार्यवाही
राज्यसभा में शुक्रवार को बैठक शुरू होने पर उपसभापति पीजे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने जैसे ही शून्यकाल के तहत मुद्दे उठाने के लिए कहा, अन्नाद्रमुक सदस्य कावेरी नदी का मुद्दा उठाते हुए आसन के समक्ष आ कर नारे लगाने लगे। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि देश में उत्पन्न अराजकता एवं अफरातफरी की स्थिति के लिए सरकार जिम्मेदार है।
इसी दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद से माफी की मांग करते हुए अपने स्थानों से आगे आ गए। उप सभापति पीजे कुरियन ने सदस्यों से शांत रहने और अपने स्थानों पर जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा अगर सदस्य अपने स्थानों पर जा कर शांति से अपनी बात कहेंगे तो अच्छा होगा। मैं सबको अपना पक्ष रखने का मौका दूंगा।
अब तक कांग्रेस के सदस्य आसन के समक्ष आ कर प्रधानमंत्री से माफी की मांग करते हुए नारे लगाने लगे। उनका कहना था कि पुराने 500 रुपये और 1000 रुपये के 86 फीसदी नोट वापस लिए जाने के निर्णय से आम लोगों को हो रही परेशानी के लिए सरकार और प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। हंगामे के बीच ही संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, विपक्ष के नेता ने कल कहा कि जम्मू कश्मीर के उड़ी में आतंकवादियों ने जितने लोगों को मारा, उससे कहीं अधिक लोगों की जान सरकार द्वारा उठाए गए नोटबंदी के कदम से गई है।
लोकसभा की कार्यवाही
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही स्थगित करके नोटबंदी पर चर्चा कराने के विपक्षी सदस्यों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। वहीं सरकार ने कहा कि वह नियम 193 के तहत चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह विषय काफी महत्वपूर्ण है और सभी दल चाहते हैं कि कार्य स्थगित कर चर्चा करायी जाए क्योंकि नोटबंदी के निर्णय से आम लोगों, गरीबों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि खड़गे जी बार बार कार्य स्थगित करके चर्चा कराने की बात कह रहे हैं। भारत सरकार चर्चा के खिलाफ नहीं है।