जरा सोचिए, आपके घर में मच्छरदानी की जाली वाले, साड़ी वाले या कपड़े वाले ऐसे शौचालय बना दिए जाएं जिसका गड्ढा केवल दो फुट का हो और उस पर लिखा हो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शौचालय। साथ ही यह धमकी भी दे दी जाए कि अगर इसका इस्तेमाल नहीं किया तो दंड भुगतना पड़ेगा। इसमें न सिर्फ आर्थिक दंड शामिल होगा बल्कि राशन कार्ड से मिलने वाला राशन तक बंद कर दिया जाएगा। इन लाइनों को पढ़कर शायद आपको हंसी आ जाए और यह सोचें कि क्या मजाक है। मगर यह हकीकत है छत्तीसगढ़ के गांवों में स्वच्छता मिशन के तहत बनने वाले शौचालयों की। इस योजना के तहत बनने वाले शौचालयों के लिए 12 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 25 किलोमीटर दूर रीवा और लखौली गांव में ऐसे ही 570 शौचालय बनाए गए हैं। जरा अंदाजा लगाइए कि जिस शौचालय में अंदर बाहर सबकुछ दिखाई देता हो उसका इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है। यह तो खुले में शौच करने जैसा ही हुआ न। वैसे इस पूरे इलाके में कुल 1100 शौचालयों का निर्माण प्रधानमंत्री के नाम पर कराया गया है। इनमें र्इंट वाले भी हैं मगर ज्यादातर बिना दरवाजे के ही हैं। जानकारी मिलने पर ओपिनियन पोस्ट की टीम पड़ताल के लिए पहुंची तो देखकर हैरानी हुई। सबसे पहले हम सड़क किनारे बने गंगा के घर पहुंचे। उसके दरवाजे पर जालीनुमा शौचालय बनाया गया है। उसकी दो बेटियां हैं। उसने बताया कि इसका इस्तेमाल नहीं करने पर राशन बंद करने की धमकी दी गई है। अब आप ही बताएं कि इस शौचालय में बेटियों को कैसे जाने दें। धमकाने वालों से जरा आप पूछिए कि उन्हें थोड़ी भी शर्म नहीं आती है।
गांव के बाकी घर जहां इस तरह के शौचालय बने हैं वहां का दौरा किया तो लोगों से इस योजना को लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां सुनने को मिलीं। लोगों ने हमसे सवाल किया कि क्या मोदी जी ने यही शौचालय बनाने को कहा था। कुछ ने कहा कि यह अभियान तो अच्छा है मगर उनकी ही पार्टी के नुमाइंदों ने उनके नाम पर जिस तरह से इस पर अमल किया वह हास्यास्पद है।
वैसे बता दें कि जब हम पड़ताल के लिए इस गांव में पहुंचे तो लोगों ने सोचा कि फिर से उन्हें धमकी देने सरकारी लोग आए हैं। यही सोच कर उन लोगों ने हमें घेर लिया। उन लोगों ने तय किया था कि इस बार सरकारी लोगों को नहीं छोड़ेंगे। बार-बार 501 रुपये का जुमार्ना देने और राशन कार्ड खत्म करने की धमकी सुनकर वे थक गए थे। लेकिन जब हमने बताया कि हम उनकी बात सरकार तक पहुंचाने आए हैं तो लोगों ने अपने-अपने घरों में बने मोदी के नाम का शौचालय दिखाया।
सीईओ जनपद पंचायत से हमने इस बाबत पूछा तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह जरूर बताया कि इस मामले में कलेक्टर और मुख्य सचिव ने कुछ भी बोलने से मना किया है। वहीं गांव के सरपंच ने दलील दी कि यह शौचालय अस्थायी है। इन 570 शौचालयों की स्थायी व्यवस्था बाद में की जाएगी। धमकी की बात पर उन्होंने कहा कि गांव के लोगों को थोड़ा ऐसे बोलना पड़ता है। मगर ऐसा किया नहीं जाएगा।
अब सवाल यह उठता है कि प्रधानमंत्री के नाम पर इतने बड़े घोटाले का जिम्मेदार कौन है। जिस पार्टी की प्रदेश और केंद्र दोनों में सरकार हो उसी के मुख्यमंत्री अपने प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना का यह हश्र करें। इन शौचालयों का उद्घाटन करने वाले मंत्री अजय चंद्राकर अब कह रहे हैं कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि ऐसे भी शौचालय बनाए गए हैं। इन्हें जल्द ही सुधार दिया जाएगा।