अाेपिनियन पाेस्ट ।
देश के ज्यादातर सांसद अाैर विधायक अपनी आपराधिक छवि के लिए ही बदनाम नहीं हैं। बल्कि अपनी जहरीली बाेली अाैर भड़काउ बयानाें के लिए भी वे काफी मशहूर हाे रहे हैं। बुधवार को जारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच की एक ताजा रिपोर्ट से खुलासा हुअा है। वर्तमान में 58 सांसदों और विधायकों पर भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज है। इसमें सबसे अधिक सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के (17) सांसद और विधायक शामिल हैं।
चुनाव अायाेग में दिए गए सांसदों और विधायकों के हलफनामे से हुआ खुलासा 15 मौजूदा लोकसभा सांसदों ने हेट स्पीच के मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। वहीं, राज्यसभा सांसदों ने हेट स्पीच के मामले दर्ज होने की कोई जानकारी नहीं दी है। अकेले बीजेपी के 10 सांसदों पर एेसे मामलें दर्ज हैं । भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा 10 लोकसभा सांसदों पर हेट स्पीच के मामले दर्ज हैं। जिसमें केंद्रीय मंत्री उमा भारती का नाम भी शामिल है। जबकि बाकी केस अखिल भारतीय यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) और अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सदस्यों पर चल रहे हैं।
राजनीतिक दलों के हिसाब से अगर आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो बीजेपी के सांसदों और विधायकों की संख्या सबसे अधिक बताई जा रहा हैै। एमपी और एमएलए की कुल संख्या मिलाकर बीजेपी से 17 सदस्यों पर इस तरह के केस है। दूसरे राजनीतिक दलों में टीआरएस और एआईएमआईएम के 5-5 सदस्य शामिल हैं। तीन तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी), अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी), जनता दल (यूनाइटेड) (जेडी-यू) और शिवसेना से 2 हैं, जबकि डीएमके, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), समाजवादी पार्टी (एसपी) और दो निर्दलीय विधायक हैं जिनपर हेट स्पीच का मामला दर्ज है।
रिपोर्ट के मुताबिक नफरत भरे भाषण देने के मामलों में राज्यों के हिसाब से सबसे ज्यादा मामले तेलंगाना के 11 विधायकों पर दर्ज हैं, 4 बिहार, 9 यूपी, 4 महाराष्ट्र, 3 करनाटक और आंध्र प्रदेश के विधायक शामिल हैं। जबकि गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडू, राजस्थान और झारखंड के सिर्फ एक-एक विधायकों पर मामले दर्ज है।