नई दिल्ली।
भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश में अब गरीबों को अपनी बेटियों की शादी के खर्च की चिंता करने की जरूरत नहीं है। योगी सरकार सामूहिक विवाह का आयोजन कर उनकी शादी का खर्चा उठाएगी। दुल्हनों के खातों में सरकार बीस हजार रुपये भी जमा कराएगी ताकि भविष्य में वे अपनी जरुरतों को पूरा कर सकें। उपहार में सभी दुल्हनों को एक-एक स्मार्टफोन भी दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के गरीबों के लिए योगी सरकार की यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि गरीब लड़कियों की शादी राज्य सरकार कराएगी। उसके लिए एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। इस तरह के आयोजनों में सांसद और विधायक के अलावा समाज के प्रतिष्ठित लोगों को भी बुलाया जाएगा।
पहले जहां इस योजना के तहत लाभार्थी को 20 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता था, वहीं अब सरकार 35 हजार रुपये खर्च करेगी। इसमें बीस हजार कन्या के खाते में, दस हजार से कपड़े, बिछिया, पायल, सात बर्तन, एक जोड़ी वस्त्र और स्मार्ट फोन खरीदा जाएगा। पांच हजार रुपये पंडाल आदि के लिए अधिकृत निकायों को दिया जाएगा।
समाज कल्याण विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। विवाह कराने की जिम्मेदारी डीएम के जिम्मे होगी। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के पहले चरण में 71,400 लड़कियों की शादी कराई जाएगी। पांच से अधिक विवाह होने पर यह समारोह क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर निगम और नगरपालिका परिषद के स्तर पर आयोजित किया जाएगा। जिलाधिकारी एक विवाह कार्यक्रम समिति का गठन करेंगे।
समिति ही टेंट, विवाह संस्कार, पेयजल आदि की व्यवस्था कराएगी। योजना का लाभ 15 फीसदी अल्पसंख्यकों को भी मिलेगा। समारोह में सामान्य व्यक्ति व संस्थाएं भी उपहार दे सकेंगी। यदि कोई ऐसा करना चाहेगा तो पहले इसकी सूचना देनी होगी।
उपहार देने वाले का नाम, संख्या और अनुमानित मूल्य सूचीबद्ध करके सूचना पटल पर प्रदर्शित भी करना होगा। इस योजना में अनसूचित जाति-जनजाति 30 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग 35, सामान्य वर्ग 20 और अल्पसंख्यक वर्ग की 15 प्रतिशत भागीदारी होगी।