बंबई हाई कोर्ट ने गुरुवार को रायन इंटरनेशनल स्कूल समूह के ट्रस्टी और चेयरमैन अगस्टीन एफ. पिंटो, उनकी पत्नी और समूह की एमडी ग्रेस पिंटो और बेटा व सीईओ रायन पिंटो की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने पिंटो परिवार से पासपोर्ट जमा करने को भी कहा है। इसके साथ ही पिंटो परिवार पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। हालांकि शुक्रवार को इस पर अदालत में सुनवाई होगी।
इससे पहले बंबई हाई कोर्ट ने बुधवार को पिंटो परिवार द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई को गुरुवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया था। रायन स्कूल के ट्रस्टियों ने गुरुग्राम शाखा के कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी। पिंटो परिवार ने प्रद्युम्न मर्डर केस की सुनवाई हरियाणा से बाहर कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील भी की है।
प्रद्युम्न की हरियाणा के गुरुग्राम में भोंडसी स्थित रायन स्कूल में 8 सितंबर को गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। प्रद्युम्न के पिता ने हस्तक्षेप अर्जी दायर कर स्कूल के ट्रस्टियों द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने की मांग की थी।
इस बीच, रायन इंटरनेशनल स्कूल के नॉर्थ जोन के हेड फ्रांसिस थॉमस को 16 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। वहीं, एचआर हेड को 18 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
आरोपी कंडक्टर ने बदला बयान
उधर, गुरुवार को अदालत में हत्या के आरोपी कंडक्टर अशोक ने चाकू के मामले पर अपना बयान बदल दिया है। अशोक ने पहले कहा था कि उसने चाकू स्कूल की बस में रखे टूल बॉक्स से निकाला था। हालांकि 9 सितंबर को जब बस के ड्राइवर ने पुलिस को यह बताया कि बस में कोई चाकू नहीं था। अब अशोक ने कहा है कि वो चाकू आगरा से खरीद कर लाया था। पुलिस से अशोक ने कहा कि वो सच कह रहा है। वो उस दुकान पर भी ले जा सकता है जहां से वो चाकू लाया था। अशोक ने कहा कि जो चाकू उससे बरामद किया गया है वो आगरा की उसी दुकान में और भी हैं।