निशा शर्मा।
पंजाब में अगले साल चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में सभी पार्टियां कोशिश में रहेंगी की पंजाब में उनकी सत्ता कायम हो। सालों से पंजाब में या तो कांग्रेस का शासन रहा है या तो अकाली दल का। लेकिन दो हजार सत्रह में होने वाले चुनावों में कांग्रेस और अकाली दल के साथ आम आदमी पार्टी भी अपना भविष्य आजमाने जा रही है। हालांकि जानकारों का कहना है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के पास सबसे बड़ी चुनौती नेतृत्व की है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में खबर है कि केजरीवाल खुद को पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर देख रहे हैं।ऐसा वह पहले कह भी चुके हैं। हालांकि अभी आप पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए कौन-सा चेहरा होगा इस पर बोलने को कोई तैयार नहीं है।
माना जा रहा है कि केजरीवाल पंजाब में फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि पंजाब में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान केजरीवाल इसलिए भी नहीं करना चाहते कि कहीं चुनाव से पहले विपक्ष उनके गैर पंजाबी होने को लेकर मुद्दा ना बना ले ।
ओपिनियन पोस्ट से हुई बातचीत में फिरोजपुर से बीएसपी के पूर्व सांसद मोहन सिंह जिन्हे आम आदमी पार्टी में जगह मिली है बताते हैं कि आम आदमी पार्टी को किसी पार्टी से कोई खतरा नहीं है। इस सवाल पर कि मुख्यमंत्री के तौर पर केजरीवाल होंगे या कोई और तो वह इस बात को खारिज करते हैं ऐसा नहीं है, केजरीवाल खुद को मुंख्यमंत्री के तौर पर नहीं देखते हैं। वह पहले ही कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री पंजाब का कोई चेहरा होगा। लेकिन अगर केजरीवाल भी मु्ख्यमंत्री बनते हैं तो पंजाब को कोई नुकसान नहीं है। लोगों के बीच उनकी ख्याति बढ़ रही है। पूछने पर कि क्या मुख्यमंत्री के तौर पर पंजाब के मुद्दों और समस्याओं के साथ न्याय कर पाएंगे तो मोहन सिंह कहते हैं कि केजरीवाल हरियाणा से हैं और हरियाणा पहले पंजाब का ही हिस्सा रहा है। इस तरह केजरीवाल पंजाब को बखूबी जानते हैं।
पूर्व बॉस्केटबॉल खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा जिन्हें हालही में आप पार्टी से विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिला है। ओपिनियन पोस्ट के सवाल आप पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा पर जवाब देते हैं कि यह बड़े लेवल का फैसला है इसके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता। गैर पंजाबी को मुख्यमंत्री बनने को कैसे देखते हैं तो सज्जन सिंह जवाब देते हैं कि पंजाब में अब तक पंजाबी समुदाय का ही मुख्यमंत्री रहा है तो कौन-सा विकास हो गया। लोगों के पास रोजगार नहीं है, नशा हर घर को खा चुका है। युवाओं के पास रोजगार नहीं है, किसान खुदकुशी कर रहे हैं तो ऐसे में अगर पंजाब के विकास के लिए एक गैर पंजाबी भी मुख्यमंत्री बनता है तो अच्छी बात है।