नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपने बयान पर माफी मांगें या मानहानि के मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार रहें। यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई को मामले की सुनवाई के दौरान की। मामला राहुल के बयान ‘महात्मा गांधी को आरएसएस ने मारा’ को लेकर चल रहा है। कोर्ट ने कहा कि आप एक पूरे संगठन पर आरोप नहीं लगा सकते हैं।
राहुल गांधी के वकील ने उनके बयान के पक्ष में कहा कि ये ऐतिहासिक तथ्य हैं और ये सरकारी दस्तावेज का हिस्सा हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर राहुल गांधी अपना बचाव करना चाहते हैं और अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि वह केस का सामना करें।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने इस केस की सुनवाई दो सप्ताह तक टालने और 27 जुलाई को सुनवाई करने की राहुल गांधी की मांग खारिज कर दी। राहुल गांधी ने कहा कि उनके वकील कपिल सिब्बल के पास इससे पहले समय नहीं है इसलिए वह सुनवाई दो सप्ताह के लिए टालना चाहते हैं।
गौरतलब है कि मार्च 2014 में ठाणे में एक रैली के दौरान आरएसएस के खिलाफ दिए गए बयान पर दायर आपराधिक याचिका को खारिज कराने के लिए राहुल गांधी ने मई 2015 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। रैली में उन्होंने कहा था कि आरएसएस के लोगों ने गांधीजी की हत्या की और आज उनके लोग (भाजपा) उनकी बात करते हैं…उन लोगों ने सरदार पटेल और गांधीजी का विरोध किया था। याचिका में उन्होंने अपने खिलाफ महाराष्ट्र की एक निचली अदालत में चल रहे आपराधिक मानहानि से जुड़े एक मामले को रद्द करने की मांग की है। महात्मा गांधी की हत्या का आरोप कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगाने के संबंध में राहुल के खिलाफ मानहानि का यह मामला दाखिल किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को मारा या आरएसएस के लोगों ने गांधी जी को मारा, इन दोनों बातों में बहुत फर्क है। जब आप किसी व्यक्ति विशेष के बारे में बोलते हैं तो सतर्क रहना चाहिए। आप किसी की सामूहिक निंदा नहीं कर सकते। हम सिर्फ यह जांच कर रहे हैं कि जो बयान राहुल गांधी ने दिए क्या वह मानहानि के दायरे में है या नहीं। हालांकि कोर्ट ने कहा कि आपको केस में ट्रायल फेस करना चाहिए। अगली सुनवाई अगले बुधवार 27 जुलाई को होगी।
गौरतलब है कि संघ की भिवंडी इकाई के सचिव राजेश कुंटे ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने सोनाले में 6 मार्च को एक चुनावी रैली में कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने गांधी जी की हत्या की। कुंटे ने कहा कि कांग्रेस के नेता ने अपने भाषण के जरिये संघ की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने की कोशिश की।