सुपरसोनिक ब्रह्रोस मिसाइल का परीक्षण सफल रहा है। गुरुवार की सुबह राजस्थान के पोखरण से इस मिसाइल को दागा गया था। यह अपने लक्ष्य को पूरी तरह से भेदने में सफल रहा।
मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद रक्षा मंत्री ने इसे लेकर डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मैं इसके लिए डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और रक्षा उद्योग को बधाई देती हूं। यह सफल परीक्षण हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक मजबूत करेगा।’
बता दें, इससे पहले भी ब्रह्मोस का सफल परीक्षण हो चुका है। पिछले साल नवंबर में ब्रह्मोस को फाइटर जेट सुखोई से दागा गया था, जो कि सफल रहा था। सूखोई और ब्रह्मोस की जोड़ी को डेडली कांबिनेशन भी कहा जाता है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो 290 किलोमीटर तक लक्ष्य भेद सकता है। सूखाई-30 फुल टैंक ईंधन के साथ 2500 किलोमीटर तक मार कर सकता है।
ब्रह्मोस का निशाना अचूक है। इसलिए इसे ‘दागो और भूल जाओ’ मिसाइल भी कहा जाता है। दुनिया की कोई भी मिसाइल तेज गति से हमले के मामले में इसकी बराबरी नहीं कर सकती। यहां तक कि अमेरिका की टॉम हॉक मिसाइल भी इसके मुकाबले नहीं ठहरती।
क्या हैं इस मिसाईल की मुख्य बातें-
- ब्रह्मोस कम ऊंचाई पर उड़ान भरती है इसलिए रडार की पकड़ में नहीं आती।
- 2भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर ब्रह्मोस का नाम रखा गया है। ये इस लिए कि इसे डीआरड़ीओ ने भारत-रूस के ज्वाइंट वेंचर के तौर पर डेवलप किया।
- ब्रह्मोस 3700 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से 290 किलोमीटर तक के ठिकानों पर अटैक कर सकती है।