भाजपा, कांग्रेस एवं जदयू के लिए चुनाव प्रबंधन कर चुके प्रशांत किशोर ने इस बार दक्षिण की ओर रुख किया और आंध्र प्रदेश में अपना जलवा दिखाया. वहां उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस के लिए चुनाव प्रबंधन किया और इस बार भी उनकी रणनीति काम आई. आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 और विधानसभा की सभी 175 सीटों के लिए मतदान खत्म होने के बाद प्रशांत किशोर जब वापस लौटे, तो उन्होंने किसी से कहा कि राज्य में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस 22 सीटें जीतेगी. तब लोगों को उनके इस दावे पर भरोसा नहीं हो रहा था. लेकिन, नतीजे उससे भी बेहतर आए हैं. जगन मोहन रेड्डी की पार्टी 25 में से 24 सीटें जीत गई. विधानसभा में भी जगन की पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा और उसने अपने दम पर दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया. अपने पिता के निधन के बाद पिछले दस सालों से मुख्यमंत्री बनने के इंतजार में राजनीति कर रहे जगन मोहन रेड्डी को इस बार सफलता मिल गई. उनकी सफलता का कुछ श्रेय प्रशांत किशोर को भी मिलेगा, क्योंकि वह उनका चुनाव प्रबंधन संभाल रहे थे. प्रशांत किशोर ने महाराष्ट्र में शिवसेना के लिए भी चुनाव प्रबंधन संभाला था. शिवसेना ने भी शानदार प्रदर्शन किया. इस बार प्रशांत सिर्फ दो राज्यों में काम कर रहे थे. वैसे तो प्रशांत किशोर जदयू के महासचिव हैं और पूरी तरह राजनीति में सक्रिय हैं, बावजूद इसके वह अपना पुराना काम नहीं छोडऩा चाहते. इस चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस और शिवसेना को जीत दिलाने में उनकी भूमिका के बाद संभव है कि आगे उनके काम में तेजी आए.
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