साहित्य अकादेमी ने आज 24 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादेमी पुरस्कार की घोशणा की। सात उपन्यास, पाँच कविता-संग्रह, पाँच कहानी-संग्रह, पाँच समालोचना, एक नाटक और एक निबंध के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार घोषित किए गए।
पुरस्कारों की अनुषंसा 24 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों द्वारा की गई तथा साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित अकादेमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में आज इन्हें अनुमोदित किया गया।
अपने कविता-संग्रहों के लिए पुरस्कृत 5 कवि हैं: उदय नारायण सिंह ‘नचिकेता’ (मैथिली), श्रीकांत देशमुख (मराठी), भुजंग टुडु (संताली), (स्व.) इंक़लाब (तमिळ) और देवीप्रिया (तेलुगु)।
जयंत माधव बरा (असमिया), आफसार आमेद (बाङ्ला), रीता बर’ (बोडो), ममंग दई (अंग्रेज़ी) के.पी. रामनुन्नी (मलयाळम्), निरंजन मिश्र (संस्कृत) और नछत्तर (पंजाबी) को उनके उपन्यास हेतु पुरस्कृत किया गया।
अपने कहानी-संग्रहों के लिए पुरस्कृत 5 कहानीकार हैं: शिव मेहता (डोगरी), औतार कृष्ण रहबर (कश्मीरी), गजानन जोग (कोंकणी), गायत्री सराफ (ओड़िया) और बेग एहसास (उर्दू)।
उर्मि घनश्याम देसाई (गुजराती), रमेश कुंतल मेघ (हिंदी), टी.पी. अशोक (कन्नड), वीणा हाङ्गखिम (नेपाली) और नीरज दइया (राजस्थानी) को समालोचना के लिए पुरस्कृत किया गया। राजेन तोइजाम्बा (मणिपुरी) को उनके नाटक के लिए और जगदीश लछाणी (सिंधी) को उनके निबंध के लिए पुरस्कृत किया गया।
इन पुस्तकों को संबंधित भाषा के त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल ने निर्धारित चयन-प्रक्रिया का पालन करते हुए पुरस्कार के लिए चुना है। नियमानुसार कार्यकारी मंडल ने निर्णायकों के बहुमत के आधार पर अथवा सर्वसम्मति के आधार पर चयनित पुस्तकों के लिए आज पुरस्कारों की घोशणा की है। पुरस्कार 1 जनवरी 2011 से 31 दिसम्बर 2015 के दौरान पहली बार प्रकाषित पुस्तकों पर दिया गया है।
साहित्य अकादेमी पुरस्कार के रूप में एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपये की राषि प्रदान करेगी। घोषित पुरस्कार 12 फ़रवरी 2018 को नई दिल्ली में आयोजित एक विषेश समारोह (साहित्योत्सव) में दिए जाएँगे।