रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म की रणनीति

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में कहा, हम रिफार्म (सुधार) परफार्म (प्रदर्शन) और ट्रांसफार्म (बदलाव) की रणनीति को अपनाने की कोशिश करते हैं और लोकलुभावन चीजों से बचते हैं। आम आदमी की रोजमर्रा की चुनौतियों खासकर महंगाई पर सवालों का जवाब दिया। महंगाई काबू में रखने का दावा करते हुए उन्होंने वादा किया कि वह गरीब की थाली महंगी नहीं होने देंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछली सरकार में मुद्रास्फीति दस फीसदी से ऊपर चली गई थी, लेकिन हमने इसे छह फीसदी से ऊपर नहीं जाने दिया। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार महंगाई को चार फीसदी तक काबू में रखने के लिए रिजर्व बैंक से समझौता किया है, इससे जवाबदेही रहेगी। उन्होंने कहा कि दो साल सूखे, दलहन उत्पादन की कमी के बाद अगर पिछली सरकार की तरह महंगाई की रफ्तार बढ़ी होती तो न जाने मेरे देश के गरीब का क्या होता। उधर, लाल किले के प्राचीर से पीएम मोदी के भाषण में जजों की नियुक्ति पर कोई जिक्र नहीं होने पर भारत के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने निराशा जताई है। सीजेआई ने कहा, हमने पॉपुलर प्राइम मिनिस्टर का भाषण डेढ़ घंटा सुना और लॉ मिनिस्टर साहब का भी सुना, मैं ये उम्मीद कर रहा था कि जजों की नियुक्ति के बारे में बात होगी।

पीएम ने ऐलान किया कि सरकार गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के इलाज का एक लाख रुपये तक का खर्च उठाएगी। उन्होंने कहा कि किसी गरीब परिवार का कोई सदस्य जब बीमार पड़ता है तो उस घर की पूरी अर्थव्यवस्था हिल जाती है। बेटियों की शादी और बच्चों की पढ़ाई रुक जाती है और कई बार तो भोजन भी उपलब्ध नहीं होता। लिहाजा सरकार यह जिम्मेदारी लेगी कि गरीबों के सपने नहीं टूटें। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली से महज तीन घंटे की दूरी पर हाथरस का एक गांव नगला फटेला है, जहां कभी बिजली नहीं पहुंची। लेकिन उनकी सरकार ने आजादी के 70वें साल में यह काम पूरा किया।

लाल किले से तीसरे संबोधन के तेवर भी काफी तीखे थे। आजादी सत्तर साल, याद करो कुर्बानी और तिरंगा यात्रा के साथ भाजपा नेता अब सामाजिक मुद्दों के उपर देशभक्ति का ज्वार जगाने की कोशिश करेंगे। पाक अधिकृत कश्मीर से आगे बढ़कर बलूचिस्तान तक मार करने से साफ है कि चुनाव वाले राज्यों में दलित अत्याचार व सामाजिक न्याय के मुद्दों पर जूझ रही केंद्र सरकार व भाजपा को इससे संभावित ध्रुवीकरण का लाभ मिल सकता है। अगले साल यूपी के चुनाव हैं और वहां पर सामाजिक समीकरणों के साथ ध्रुवीकरण को लेकर राजनीतिक जद्दोजहद जारी है। हाल में दलित उत्पीड़न की घटनाओं से केंद्र सरकार व भाजपा के लिए दिक्कतें बढ़ी थीं, लेकिन जब कश्मीर व पाकिस्तान को लेकर भावनाओं का ज्वार होगा तो राजनीतिक ध्रुवीकरण की दिशा बदलेगी। यह स्थिति भाजपा के लिए काफी मुफीद होगी। उन्होंने भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी, संत रामानुजाचार्य, बीआर अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, गुरु गोविंद सिंह, संत विवेकानंद, दीनदयाल उपाध्याय का उल्लेख अहिंसा और सामाजिक सदभाव का संदेश देने की भी कोशिश की।

उन्‍होंने कहा, पहले की सरकार आरोपों से घिरी रहती थी, लेकिन हमारी उम्मीदों से घिरी सरकार है। जब नीति स्पष्ट हो और नीति साफ हो तो निर्णय करने का जज्बा भी कुछ और होता है। गुरु गोविंद सिंह ने कहा था कि जिस हाथ में काम करते-करते गांठें न पड़ गई हों, उस हाथ को मैं पवित्र नहीं मानता। इस हिसाब से किसान भाइयों का हाथ सबसे पवित्र है। सुराज का मतलब लोगों के जीवन में बदलाव लाना है, सिर्फ नीति नहीं, नीयत की बात भी करूंगा। इसके लिए बलिदान चाहिए होंगे। जब समाज बंटता है तो साम्राज्य बंटता है। जब समाज छुआछूत और ऊंची और नीची जातियों में बंट जाता है तो ऐसा समाज नहीं चल सकता। भारत एक चिर पुरातन राष्ट्र है, वेद से विवेकानंद तक, सुदर्शनधारी मोहन से लेकर चरखाधारी मोहन तक, महाभारत के भीम से लेकर भीमराव तक हमारी एक लंबी विरासत है।

उन्‍होंने कहा, अगर आज मैं अपनी सरकार के कामकाज का ब्योरा दूंगा तो एक हफ्ते में लाल किले के प्राचीर से बोलता रहूंगा। होता है, चलता है, की मनोवृत्ति और निराशा हमारा जज्बा बन चुका था। लेकिन हमने चुनौतियों को टालने की जगह टकराने का जज्बा अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर आम आदमी से जुड़ी अपनी सरकार की उपलब्धियों को सामने रखा। गरीबों, किसानों, महिलाओं, दलितों-पिछड़ों से हितों से जुड़ी योजनाओं की प्रगति का ब्योरा देकर उन्होंने आलोचनाओं को शांत करने का प्रयास किया। इसके अलावा उनके भाषण की खास बातें रहीं-प्रधानमंत्री गांवों में बिजली, हजार गांवों में बिजली हजार दिन में पहुंचाने का लक्ष्य, हजार गांवों में आज बिजली पहुंच चुकी आधे दिनों में, एम्स जैसे 40 बड़े अस्पतालों में पंजीकरण, चिकित्सीय रिकार्ड भी आनलाइन, डाक्टरों की भर्ती कर अस्पतालों पर बोझ कम किया। 15 हजार रेल टिकट एक मिनट में आनलाइन मिलना संभव हुआ। बायो टायलेट से ट्रेनों में गंदगी दूर करने का काम शुरू हुआ। 02-03 महीनों की जगह हफ्तों में आनलाइन रिफंड देना शुरू किया। 02 हफ्ते में अब पासपोर्ट, पहले दो-चार महीने लगते थे इस प्रक्रिया में। 13 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे, 350 का बल्ब 50 रुपये में दिया। 77 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे जाएंगे आने वाले वर्षो में देश में। 20 हजार मेगावाट बिजली और सवा लाख करोड़ बचेंगे इससे सड़क निर्माण में तेजी। 100 किमी तक प्रतिदिन बन रही है सड़क, पहले 50-75 था। 50 हजार किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें बिछाई जा रही हैं अब। बेहतर फसल बीमा, साॠयल हेल्थ कार्ड दिया, खाद की कमी दूर की। 1.5 गुना हुई दलहन की बुआई इस साल, दालों की महंगाई घटेगी। 99 फीसदी बकाया, गन्ना किसानों का चुकता हुआ, खासकर यूपी में। 02 करोड़ टायलेट बनाए सरकार ने स्वच्छता मिशन में। 70 हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया। 21 करोड़ लोगों को जन-धन खाता खुला, 40 हजार करोड़ इसमें जमा। मुद्रा योजना के तहत करोड़ों का ऋण बांटा, खासकर महिलाओं-पिछड़ों को। 04 करोड़ गैस कनेक्शन 60 हफ्तों में दिए हमने। 14 करोड़ गैस कनेक्शन मिले साठ साल में लोगों को। 1700 निष्क्रिय कानूनों की पहचान की सरकार ने। 1175 कानून इसमें से संसद से निरस्त कराए।

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