ओपिनियन पोस्ट
रांची / दिल्ली । रांची के निकट महिलौंग के सरला बिरला स्कूल परिसर में आज से शुरू हुई संघ के तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यमंडल की बैठक में देश की नई जनसंख्या रिपोर्ट की विसंगतियों पर एक प्रस्ताव लाया जाएगा। इस प्रस्ताव पर पुरे देश की नजरें लगी है । प्रचार प्रमुख ने बताया कि संघ के सबसे बड़े नीति निर्धारक मंडल की 30 अक्तूबर से बैठक शुरू हुई। यह बैठक दिवाली के पहले हर साल होती है। दूसरी बैठक मार्च के पहले होती है। इसमें संघ के सांगठनिक 42 प्रांतों के प्रांत संघचालक, कार्यवाह और प्रांत प्रचारक से लेकर केंद्रीय पदाधिकारी भाग ले रहे हैं।
इनके अलावा संघ के विविध क्षेत्रों में काम कर रहे सभी लोगों को मिलाकर करीब 400 लोग इसमें भाग ले रहे हैं। संघ का नए साल का काम जून-जुलाई के बाद शुरू हो जाता है। संघ देश के वर्तमान सामाजिक परिवेश के गंभीर विषय पर विचार करता है। इसके साथ ही अपने वार्षिक कार्यक्रमों का लेखा-जोखा करता है। संघ की कार्य दिशा को लेकर नए प्रयोग हो रहे हैं। इसकी भी चर्चा होगी।
वैद्य ने कहा कि हाल ही में आए जनगणना के आंकड़े जनसंख्या वृद्धि में अंसतुलन दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में इस विषय पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा और इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया जा सकता है। बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत संगठन के समस्त शीर्ष पदाधिकारी भाग लेंगे।
पिछले दिनों जारी जनगणना के आंकड़ों के अनुसार मुस्लिम समुदाय की आबादी 2001 से 2011 के बीच 10 साल में 0.8 फीसदी की वृद्धि के साथ 17.22 करोड़ पहुंच गई, वहीं हिंदुओं की जनसंख्या इस अवधि में 0.7 फीसदी कमी के साथ 96.63 करोड़ रह गई। इससे पहले विजया दशमी पर अपने संबोधन में भागवत ने कहा था कि पिछली दो जनगणना रिपोर्टों के तथ्य और आंकड़ों और परिणामस्वरूप सामने आए असंतुलन पर व्यापक मंथन हो रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश के पूर्वोत्तर राज्यों में विदेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंतित है। असम और बंगाल में स्थानीय नागरिकों की तुलना में विदेशी घुसपैठियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। राज्यों का भौगोलिक स्वरूप भी बदल रहा है।
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉक्टर मनमोहन बैद्य ने बैठक की पूर्व संध्या में मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने हजारिका कमीशन का हवाला देते हुए कहा कि यह रिपोर्ट को चौंकानेवाली है। इन दोनों राज्यों में भारतीयों की तुलना में विदेशियों की संख्या बढ़ी है। यह गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है।
सबसे बड़ा सामाजिक संगठन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी शाखा, कार्यक्रमों और अनुशासन के बूते ही विश्व के सबसे बड़े सामाजिक संगठन के खिताब के साथ खड़ा है। संघ का सर्वोच्च निर्णायक मंडल इन दिनों रांची के निकट टाटीसिलवे (महिलौंग) के सरला बिरला स्कूल परिसर में अपने भावी कार्यक्रमों और सामाजिक चिंतन के विषयों को लेकर मंथन कर रहा है।
तीन दिन पहले से चल रही बैठक शुक्रवार से औपचारिक रूप लेगी, जो अगले तीन दिनों तक चलेगी। बैठक का औपचारिक उद्घाटन आज सुबह आठ बजे हुआ। संघ के सर संघचालक डॉक्टर मोहन भागवत की अगुवाई में 402 प्रतिनिधियों की हो रही यह बैठक दिवाली बैठक के नाम से भी प्रसिद्ध है।
सुबह और शाम लगती है शाखा
बैठक स्थल पर पहुंचे सभी प्रतिनिधियों की दिनचर्या सुबह 4.30 बजे शुरू हो जाती है। एकात्मकता स्रोत पाठ से दिन की शुरुआत होती है। सभी प्रतिनिधि सुबह 5.30 बजे संघ स्थान पर पहुंच जाते हैं। एक घंटे तक शाखा में रहने के बाद स्नान और आठ बजे जलपान होता है। 10.30 से बैठक का सत्र शुरू हो जाता है। 12.30 बजे दिन में भोजन होता है। शाम चार बजे तक बैठक के बाद चाय के लिए सब एकत्रित होते हैं। शाम 4.30 बजे से एक बार फिर सभी संघ स्थान पर पहुंचते हैं। 4.30 से लेकर 5.30 तक शाखा के बाद फिर बैठक का सत्र शुरू होता है। रात का भोजन आठ बजे होता है। रात 10.30 बजे सभी शयन स्थल पहुंच जाते हैं।
जलपान में कुड़ की मिठाई
संघ की बैठक में भाग लेनेवाले प्रतिनिधियों के लिए 60 फीसदी भोजन और व्यंजन झारखंडी परोसे जा रहे हैं। लोहरदगा (कुड़) की लोढ़ा मिठाई से लेकर बानो के पपीता भी खाने की सूची में शामिल है। नाश्ते में चूड़े का पोहा, पकौड़ी, धुस्का और बरा शामिल हैं। दोनों वक्त का भोजन बिल्कुल सादा होता है। भोजन में बगैर प्याज-लहसून की मौसमी सब्जी, दाल, चावल और चपाती शामिल हैं। इसके पूर्व विधिपूर्वक भोजन मंत्र होता है।
जैन प्रतिनिधियों के लिए सूर्यास्त के पहले भोजन
बैठक में भाग ले रहे जैन प्रतिनिधियों के लिए सूर्यास्त के पहले भोजन उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे 30 प्रतिनिधि बैठक में भाग ले रहे हैं। उनके लिए उनकी रुचि का भोजन है।
नमस्ते सदा वत्सले..से सुबह-शाम गूंज रहा है परिसर
सरला बिरला स्कूल परिसर इन दिनों सुबह-शाम संघ की प्रार्थना नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमि.. से गूंज रहा है। सुबह और शाम की शाखा में सभी प्रतिनिधि एकस्वर में संघ की प्रार्थना करते हैं, तो चारों ओर यह गूंजता है। बैठक स्थल को झारखंडी संस्कृति के अनुकूल सजाया गया है। हर जगह पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा गया है। शाम के वक्त झारखंडी संस्कृति की झलक दिखानेवाले सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
भोजन और आंतरिक सुरक्षा में तीन सौ स्वयंसेवक तैनात
राष्ट्रीय बैठक के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए संघ के स्थानीय स्वयंसेवकों की बड़ी टीम जुटी हुई है। 300 स्वयंसेवक भोजन से लेकर सुरक्षा कार्यों के लिए तैनात हैं।
सुरक्षा घेरे में हैं संघ प्रमुख
संघ के सर संघचालक डॉक्टर मोहन भागवत कड़ी सुरक्षा के घेरे में हैं। बैठक में वे प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। कोई भी स्वयंसेवक या संघ पदाधिकारी उनसे यूं ही नहीं मिल सकता है। राज्य के कई राजनीतिज्ञ, विधायक और मंत्री भी बैठक स्थल पर आए, लेकिन उनकी भी कोई औपचारिक भेंट नहीं हो रही है।
युवाओं का आरएसएस के प्रति बढ़ा आकर्षण
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉक्टर मनमोहन बैद्य ने कहा कि संघ को लेकर लोगों का आकर्षण बढ़ा है। खासकर युवाओं में जुड़ने के प्रति उत्सुकता बढ़ी है। ज्वाइन आरएसएस नामक साइट पर आज से पांच साल पहले 2010 में जहां हर माह 1000 युवा संघ से जुड़ते थे, जो 2015 में यह संख्या बढ़कर 8000 प्रतिमाह हो चुकी है। केरल में संघ की शाखा की संख्या सर्वाधिक है।
इधर, संघ के प्रचार प्रमुख के मुताबिक संघ का लक्ष्य है कि देश के हर मंडल तक संघ का काम पहुंचे। संघ की स्थापना के पहले 15 साल तक यह प्रयास था कि सभी प्रांतों तक संघ पहुंचे। 1940 तक संघ सभी प्रांतों तक पहुंचा। फिर अगले 40 साल तक यह लक्ष्य देश के 6100 खंडों तक पहुंचने का बनाया गया। 90 फीसदी तक यह काम हो चुका है। देश में ऐसे 55 हजार मंडल हैं। संघ अभी 35 प्रतिशत मंडलों तक पहुंचा है।