सर्वोच्च न्यायालय सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश संबंधी संवैधानिक पीठ के फैसले के खिलाफ दोबारा सुनवाई का आग्रह करने वाली कई याचिकाओं पर मंगलवार को निर्णय करेगा।
सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने अपने ऐतिहासिक फैसले में केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद पिछले पांच दिनों में कोई भी महिला सबरीमाला मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकी और सोमवार से भगवान अयप्पा मंदिर का द्वार एक महीने के लिए बंद हो जाएगा। अब तक दो पत्रकारों समेत सात महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों के कड़े विरोध पर उन्हें प्रवेश किए बिना ही लौटना पड़ा।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय कृष्ण कौल की पीठ ने सोमवार को कहा कि पूर्व प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई में जिस पीठ ने 28 सितम्बर को यह फैसला सुनाया था, उसे पुनर्गठित किया जाना है।