सहारनपुर।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले को जातीय हिंसा में झोंकने वाले चंद्रशेखर रावण को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर रावण के खिलाफ कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।
सहारनपुर में 5 मई को हुई जातीय हिंसा में रावण और कमल वालिया सहित 4 लोगों की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली है। हाईकोर्ट ने इनकी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित मानते हुए जमानत अर्जी मंजूर की है।
कोर्ट ने जातीय हिंसा से जुड़े 4 मामलों में भीम आर्मी चीफ और डिप्टी चीफ सहित 4 लोगों को जमानत दे दी है। वहीं एक मामले में पहले ही भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर रावण को सेशन कोर्ट सहारनपुर से जमानत मिल चुकी है। इसके अलावा आईटी एक्ट के एक मामले में सहारनपुर सेशन कोर्ट में सुनवाई हो रही है।
चन्द्रशेखर रावण और कमल वालिया की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मुख्तार अहमद की एकलपीठ ने जमानत मंजूर की। रावण सहित कई अन्य पर हत्या के प्रयास, लूट, बलवा और आगजनी जैसे मामलों की गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। उसके बाद हिमाचल प्रदेश से रावण की गिरफ्तारी हुई थी।
सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के मामले में दलितों की ओर से गैर दलित पक्ष पर 25 मुकदमे दर्ज कराए गए थे, जिसके जवाब में भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर रावण सहित कई अन्य के खिलाफ क्रास एफआईआर में 10 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इनमें से 6 में भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर रावण और डिप्टी चीफ कमल वालिया को भी आरोपी बनाया गया है।
चन्द्रशेखर रावण और डिप्टी चीफ कमल वालिया दोनों सहारनपुर जेल में बन्द हैं। भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने चंद्रशेखर उर्फ रावण के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। भीम आर्मी के प्रचार मंत्री टिंकू कपिल ने कहा कि भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण से मिलने कई पदाधिकारी जेल में गए थे।
हालत में सुधार न होने पर जेल प्रशासन ने उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। तबीयत में कुछ सुधार होने के बाद चंद्रशेखर को जेल में शिफ्ट कर दिया। मगर उनकी हालत फिर से बिगड़ने लगी है। भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने चंद्रशेखर को बेहतर इलाज एवं कड़ी सुरक्षा प्रदान करने की मांग की। चेतावनी दी कि अगर चंद्रशेखर को कुछ होता है तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा और भीम आर्मी आंदोलन करेगी।