अाेपिनियन पाेस्ट
बाजार नियामक सेबी ने शेल कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए 331 कंपनियों की सूची जारी कर दी है। इनमें लिस्टेड कंपनियां भी हैं। काले धन पर रोकथाम लगाने के उदेश्य से सेबी ने कहा है कि इन कंपनियों में इस महीने ट्रेडिंग नहीं की जाएगी। मंगलवार से इनमें ट्रेड बंद कर दिया गया है।
क्या होती है शेल कंपनियां-
शेल कंपनी वे संदिग्ध कंपनियां होती हैं जो आमतौर पर लॉन्ड्रिंग के लिए अवैध फंड का इस्तेमाल करती हैं। इन कंपनियों के संचालन की बात की जाए तो इनमें किसी तरह का कोई काम नहीं होता, इनमें केवल कागजों पर एंट्रीज दर्ज की जाती हैं। हालांकि, कंपनीज एक्ट में शेल कंपनी शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के अनुसार, इन सूचीबद्ध सिक्योरिटीज में ट्रेडिंग को ग्रेडेड सर्वेलन्स मेशर (जीएसएम) के स्टेज VI में तुरंत प्रभाव से रखना चाहिए। अगर कोई सूचीबद्ध कंपनी पहले से जीएसएम के किसी भी स्टेज के तहत पहचान कर ली गई है तो उसे जीएसएम के स्टेज VI में सीधे तौर पर भेजना होगा।
जानकारी के लिए बता दें कि जीएसएम फ्रेमवर्क के स्टेज VI के तहत इन कंपनियों में महीने में केवल एक बार ट्रेडिंग होगी। निवेशकों को ट्रेडिंग के लिए 200 फीसद मार्जिन रखना होगा। इन सिक्योरिटीज में किसी भी तरह की तेजी पिछले बंद भाव के स्तर से ऊपर नहीं होंगी। साथ ही एक्सचेंज इन कंपनियों के फंडामेंटल्स की जांच करेगा।
कौन कौन सी कंपनियां है शामिल-
जिन कंपनियों को आठ अगस्त को स्टेज VI के जीएसएम फ्रेमवर्क में भेज दिया गया है उनमें एटीएल इंटरनेशनल, अल्का इंडिया, बिड़ला कोटसिन, बिड़ाल कैपिटल, ब्लू चिप इंडिया, एआरसीसी इंफ्रा, जे कुमार इंफ्राप्रोजक्ट्स, जय माता ग्लास, पिनकॉन स्पिरिट, आरईआई एग्रो, गैलेंट इस्पात, पार्श्वनाथ डेवलपर्स, प्रकाश इंडस्ट्रीज, एसक्यूएस बीएफएसआई, रोहित फेरो और असम कंपनी का नाम शामिल है।
जीएसएम फ्रेमवर्क के प्रावधान के तहत मंगलवार से इन सिक्टोरिटीज में ट्रेडिंग नहीं की जा सकेगी। इन कंपनियों में महीने के पहले सोमवार को ही ट्रेडिंग हो पाएगी।
एक अधिकारी का कहना है कि करीब 26 चार्डेट एकाउंटेंड (सीए) की आईसीएआई ने पहचान की है जिन्होंने अवैध रुप से शेल कंपनियों की मदद की थी।